मरीज की मौत पर अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा

आसनसोल : इसीएल के शंकरपुर कोलियरी में कार्यरत विस्फोटक वाहक इसीएल कर्मी राजेश भुइयां की मौत दुर्गापुर मिशन अस्पताल में हो गयी. इसके लिए कल्ला अस्पताल के चिकित्सकों पर चिकित्सा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए परिजनों एवं भुइयां समाज उत्थान समिति के सदस्यों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और सीएमएस डॉ. सोमनाथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2020 2:47 AM

आसनसोल : इसीएल के शंकरपुर कोलियरी में कार्यरत विस्फोटक वाहक इसीएल कर्मी राजेश भुइयां की मौत दुर्गापुर मिशन अस्पताल में हो गयी. इसके लिए कल्ला अस्पताल के चिकित्सकों पर चिकित्सा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए परिजनों एवं भुइयां समाज उत्थान समिति के सदस्यों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और सीएमएस डॉ. सोमनाथ मंडल से घटना की जांच की मांग की. डॉ. मंडल ने कहा कि मृतक इसीएल कर्मी राजेश बंकोला एरिया के शंकरपुर कोलियरी में कार्यरत थे.

मृतक के परिजनों ने कहा कि एक फरवरी को लीवर की शिकायत लेकर उन्हें कल्ला सेंट्रल अस्पताल में भरती कराया गया था. जिसके बाद से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. पांच फरवरी को चिकित्सकों ने कहा कि उनका लीवर अंतिम स्टेज में है. परिजनों ने कहा कि वे बेहतर इलाज के लिए उसे किसी बेहतर अस्पताल में भेजे जाने की मांग कर रहे थे. लेकिन चिकित्सकों ने इसपर ध्यान नहीं दिया.

10 फरवरी को बेहद गंभीर स्थिति में उसे दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में भेजा गया. एक दिन बाद सोमवार की रात को अस्पताल की ओर से परिजनों को राजेश की मौत की सूचना दी गयी. परिजनों ने कहा कि अगर चिकित्सकों ने उसकी नाजुक स्थिति को गंभीरता से लिया होता तो उसकी जान बच सकती थी.

भुइयां समाज उत्थान समिति के शिंटू भुइयां ने आरोप लगाया कि इसीएल के अधिकांश अशिक्षित एवं श्रमिक वर्ग के मरीजों की चिकित्सा में घोर लापरवाही बरती जाती है. ऐसे परिवारों के घरवाले बोल पाने में अक्षम और जानकारी का अभाव होने के कारण अपने मरीज का सही ढ़ंग से इलाज नहीं करवा पाते हैं. चिकित्सक भी उनको गंभीरता से नहीं लेते हैं.

उन्होंने कहा कि मामले को लेकर इसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत की जायेगी. दूसरी ओर अस्पताल के सीएमओ डॉ. सोमनाथ मंडल ने कहा कि मरीज काफी मात्रा में शराब का सेवन करता था. इसके पहले भी उसका इलाज किया गया था. डॉक्टरों ने उसे शराब का सेवन नहीं करने को कहा था. अस्पताल की ओर से उसे बचाने का पूरा प्रयास किया था. चिकित्सा में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गयी है.

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