मदरसों के कायाकल्‍प के लिए 1789 करोड रुपये आवंटित

मालदा: राज्य के मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता विकास के लिए राज्य सरकार कटिवद्ध हैं. 41 मॉडल मदरसे और 12 अंग्रेजी माध्यम के मदरसों का निर्माण चल रहा है. साथ ही मदरसा के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर का क्रीड़ा प्रशिक्षण देने के लिए दो स्पोर्टस कॉमप्लेक्स के निर्माण का काम भी चल रहा है. इस काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2014 7:08 PM

मालदा: राज्य के मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता विकास के लिए राज्य सरकार कटिवद्ध हैं. 41 मॉडल मदरसे और 12 अंग्रेजी माध्यम के मदरसों का निर्माण चल रहा है. साथ ही मदरसा के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर का क्रीड़ा प्रशिक्षण देने के लिए दो स्पोर्टस कॉमप्लेक्स के निर्माण का काम भी चल रहा है. इस काम में स्पोर्टस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की मदद ली जा रही है.

यह जानकारी राज्य मदरसा शिक्षा पर्षद के अध्यक्ष फजले रब्बी ने दी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार व पश्चिम बंगाल मदरसा शिक्षा पर्षद की पहल पर राज्य सरकार ने अनुमोदित मदरसों को विद्यालयों के समान बनाने व और विकसित बुनियादी संरचना तैयार करने का निर्णय लिया है. 41 मॉडल मदरसा में नियमित शिक्षा प्रदान के साथ ही दो अतिरिक्त शिक्षकों को नियुक्त किया जायेगा. मदरसा के विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाने के लिए शिक्षक निर्धारित समय से अतिरिक्त दो घंटे का समय बच्चों को देंगे. साथ ही 80 मदरसों में हाल ही में छात्रावास निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गयी है. गरीब छात्र-छात्राएं छात्रावास में रह कर पढ़ाई कर सकेंगे.

फजले राब्बी ने आगे कहा कि हुगली, नदिया व मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में अंग्रेजी माध्यम के मदरसों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. ये मदरसा राज्य सरकार के तत्वावधान में चलेंगे. अंग्रेजी माध्यम के मदरसों में पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को कोई अतिरिक्त फीस नहीं देनी होगी. कुछ मदरसों में लैबोरेटरी निर्माण के लिए वित्तीय मदद की जा रही है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दक्षिण चौबीस परगणा व नदिया जिले में खेलकूद के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से दो अत्याधुनिक स्पोर्टस कॉमप्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि 237 मदरसों को राज्य सरकार का अनुमोदन प्राप्त हुआ है. और 250 आवेदन पत्र राज्य सरकार के पास अनुमोदन के लिए नबान्न में भेजा गया है. अनुमोदन मिलने के बाद ही इन मदरसों के विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक व स्कूल ड्रेस मिलेंगे. साथ ही इनके लिए मिड-डे-मील की भी व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने बताया कि राज्य के मदरसों में करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों का पद खाली है. इसके अलावा कुछ शिक्षा कर्मचारियों के पद भी खाली पड़े हैं. मदरसा के विद्यार्थियों के बीच कानूनी जागरूकता व अधिकार बोध जागृत करने के लिए यूनिसेफ के सहयोग से ‘मिना मंच’ तैयार किया जा रहा है. राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में मदरसा शिक्षा के विकास के लिए 1789 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.

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