कोलकाता. पीएम नरेंद्र मोदी ने बंगाल में रेल नेटवर्क को अत्याधुनिक करने का लक्ष्य रखा है. इस वर्ष बंगाल में रेलवे के विकास के लिए 13,941 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जबकि वर्तमान में राज्य में 60 हजार करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं पर काम चल रहा है. उक्त बातें रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहीं. दिल्ली में रेल भवन से आयोजित ऑन लाइन संवाददाता सम्मेलन में बंगाल के पत्रकारों को संबोधित करते हुए रेलमंत्री ने बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में ऐसी तमाम रेलवे परियोजनाएं हैं, जो राज्य सरकार द्वारा जमीन नहीं देने और सहयोग नहीं करने से अटकी हुई हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में बंगाल स्थित 100 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन के तौर पर विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने का काम चल रहा है. यह काम काफी तेजी से चल रहा है. रेलमंत्री ने कहा कि बंगाल में मेट्रो रेलवे की भी कई परियोजनाएं चल रही हैं. इसके लिए फंड की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी. इस दौरान रेलमंत्री ने कहा कि झारखंड में रेलवे के विकास के लिए 7,320 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. यह आंकड़ा यूपीए के दौरान आवंटित होने वाले रेलवे के विकास के फंड से 16 गुना ज्यादा है. श्री वैष्णव ने कहा कि यूपीए सरकार में बंगाल को एवरेज प्रति वर्ष 4,380 करोड़ रुपये ही रेलवे के विकास के लिए आवंटित किये जाते थे. यूपीए सरकार के दौरान बंगाल की एक रेलमंत्री भी थीं. इसके बाद भी काफी कम राशि आवंटित होती थी. रेलमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष रेलवे की ओर से 700 करोड़ लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया गया. 2025 में होने वाले कुंभ मेले को लेकर रेलवे की तैयारी जारी है. इस दौरान रेलवे कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करेगा.
दिल्ली में रेलवे भवन से आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन का प्रसारण पूर्व रेलवे के साथ दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय में भी किया गया. पूर्व रेलवे में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को महाप्रबंधक मिलिंद के देउस्कर ने सबोधित किया. इस दौरान एजीएम सुमित सरकार, पीसीसीएम सौमित्र मजूमदार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) प्रमोद कुमार शर्मा और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा उपस्थित रहे. दक्षिण पूर्व रेलवे में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एजीएम एके दुबे और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ओमप्रकाश चारण उपस्थित रहे.‘कई प्रोजेक्ट जमीन नहीं मिलने के कारण अधर में’
कोलकाता. यह सही है कि बंगाल में रेलवे के कई प्रोजेक्ट को पूरा करने में समस्या लग रहा है. इसमें कई ओवरब्रिज बनाने में भी समस्या आ रही है. खासकर तारकेश्वर-विष्णुपुर रेल लाइन परियोजना जमीन नहीं मिलने से और जो मिली है, उसका अभी-भी अधिग्रहण नहीं होने के कारण परियोजना रूकी हैं. ये बातें पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद के देउस्कर ने कहीं. पूर्व रेलवे मुख्यालय फेयरली प्लेस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीन हजार करोड़ की परियोजना को हम इस वर्ष पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन जब तक राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिलेगा, इसे पूरा करना कठिन होगा. इसी तरह नवद्वीपघाट-नवद्वीप धाम, कृष्णा नगर-रानाघाट और नैहाटी-रानाघाट परियोजना को लेकर भी कुछ ना कुछ समस्याएं हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों से बात चल रही है, उम्मीद है कि इसका समाधान जल्द हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है