-चाय श्रमिकों के लिए होगा सहकारिता समिति का गठन
-चाय श्रमिकों के लिए होगी मोबाइल बैंकिंग सेवा
-मिलेगी मोबाइल चिकित्सा सुविधा
-राज्य सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है काम
जलपाईगुड़ी : उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिले के बंद पड़े छह चाय बागानों में श्रमिकों के लिए सहकारिता समिति गठित कर चाय श्रमिकों के रोजी-रोटी की जुगाड़ करने में जलपाईगुड़ी केंद्रीय सहकारिता बैंक विशेष पहल कर रहा है.
साथ ही बंद चाय बागानों के श्रमिकों के इलाज के सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक मोबाइल मेडिकल वैन सेवा भी चालू करने की पहल बैंक ने की. चाय बागानों में सहकारिता बैंकिंग सेवा मुहैया कराने के लिए बैंक एक मोबाइल बैंकिंग वैन चालू करने जा रहा है. ये जानकारी बैंक के बोर्ड मीटिंग के बाद बैंक के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती ने दी. फिलहाल बैंक ने रेड बैंक, धरनीपुर, सुरेंद्र नगर, ढेकलापाड़ा, बांदापानी व कठहलगुड़ी चाय बागान को खोलने के लिए श्रमिक सहकारिता समिति गठन करने की पहल शुरू की है.
सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि जिन चाय बागानों को खोलने के लिए कानूनी पेंच हैं, वहां सहकारिता समिति गठित कर बागान खोलने का मामला जिला प्रशासन व राज्य सरकार देख रही हैं. किसी भी बंद चाय बागानों को सहकारिता बैंक नहीं खोलेगा. बल्कि बागानों के बंद रहने के दौरान श्रमिकों की रोजी-रोटी की जुगाड़ में कोई समस्या न हो, उसके लिए श्रमिक सहकारिता गठित कर बागानों का संचालन करने का निर्णय बैंक ने लिया है. आज से ही बागानों में इस योजना की शुरूआत कर दी जायेगी.
चाय बागान श्रमिकों के लिए चालू किये जा रहे मोबाइल मेडिकल वैन में चिकित्सक, पैथोलॉजिस्ट, ग्रुप डी कर्मचारी, नर्स, तकनीशियन रहेंगे. हर तरह के ब्लड जांच, ईसीजी, एक्सरे, एनालाइजर की सुविधा, कीट व अन्य आवश्यक दवाई यहां उपलब्ध रहेगी. बंद चाय बागानों में रूटीन बना कर यह वैन घुमेगी. इस चिकित्सकीय सेवा के लिए 40 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
हर महीने इस मेडिकल मोबाइल वैन संचालन करने के लिए एक लाख 30 हजार रुपये खर्च किये जायेंगे. बंद चाय बागानों के श्रमिकों को नि:शुल्क यह सेवा प्राप्त होगी. दूसरी ओर, सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिले के सभी चालू चाय बागानों के श्रमिकों के लिए सहकारिता बैंक का एकाउंट खोलने, रुपये जमा करने व उठाने के लिए मोबाइल बैंकिंग वैन बागानों में घुमेगी. सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही सहकारिता मंत्री ज्योतिर्मय कर इन परियोजनाओं के लिए विशेष पहल कर रहे हैं.