शिक्षक भर्ती घोटाला: 130 अभ्यर्थियों से लिये आठ-आठ लाख रुपये, घर से मिले टेट के 250 ओएमआर शीट
शिक्षक भर्ती घोटाले में हुगली तृणमूल के युवा कांग्रेस नेता कुंतल घोष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अब उनकी अगली पेशी 17 फरवरी को होगी.
शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हुगली तृणमूल युवा कांग्रेस के नेता कुंतल घोष की इडी हिरासत की अवधि खत्म होने पर शुक्रवार को बैंकशाल कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अगली पेशी 17 फरवरी को होगी. वहीं, कोर्ट ने इडी को जेल में कुंतल से पूछताछ करने की इजाजत भी दे दी. सूत्रों के मुताबिक, सुनवाई के दौरान इडी के वकील ने यह दावा किया कि कुंतल ने 130 अभ्यर्थियों से नौकरी के नाम पर आठ-आठ लाख रुपये लिये थे.
कुंतल के पास पहुंचे थे कुल 30 करोड़ रुपये
जांच में यह भी पता चला कि 1200 अभ्यर्थियों को अदालत से नौकरी दिलाने का ऑर्डर निकलवाने के लिए 20-20 हजार लिये थे. कुंतल के पास कुल 30 करोड़ रुपये पहुंचे थे. इसमें से 19.30 करोड़ रुपये कुंतल ने अपने पास आने की बात स्वीकार की है. कुंतल के दो बैंक अकाउंट में छह करोड़ के ट्रांजेक्शन के सबूत भी मिले हैं. इसका भी सबूत मिला है कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से बरामद करोड़ों रुपये में से कुछ रुपये कुंतल के भी थे. उसके घर से टेट की 250 से ज्यादा ओएमआर शीट भी बरामद हुई है.
टॉलीवुड में भी किया था निवेश
ईडी ने यह भी दावा किया कि कुंतल ने टॉलीवुड में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में पार्टनरशिप बिजनेस के जरिये मोटी रकम का निवेश किया था. कुंतल ने इन रुपयों से 60 म्यूजिक वीडियो बनाये थे. इडी की तरफ से अदालत में बताया गया कि कुंतल काफी प्रभावशाली है. उसकी जमानत होने पर जांच प्रभावित होगी. इस कारण उसे जेल हिरासत में में भेजा गया. साथ ही जेल में उससे पूछताछ की इजाजत दी जाये.
वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि कुंतल के घर या उसके पास से रुपये नहीं मिले. जब भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया, हर बार उसने जांच में सहयोग किया. इडी की चार्जशीट में आरोपी तापस मंडल के बयान पर कुंतल को अरेस्ट किया गया, लेकिन तापस अब भी बाहर है. उनके मुवक्किल को फंसाया जा रहा है. अदालत उसे जमानत पर रिहा करे. दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कुंतल को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया.
शिक्षक नियुक्ति से जुड़ा काम निजी कंपनी को क्यों सौंपा : हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने सीबीआइ को सात दिनों के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है कि शिक्षक नियुक्ति से जुड़ा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का गोपनीय काम एक निजी कंपनी को ठेके पर क्यों दिया गया. राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित तथा सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सीबीआइ को कंपनी के चयन का तरीका भी पता लगाने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीबीआइ को 10 फरवरी तक इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया कि बोर्ड का गोपनीय काम एम/एस एस बसु रॉय एंड कंपनी को क्यों सौंपा गया. अदालत ने सीबीआइ को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. उसने जांच एजेंसी से रिपोर्ट में यह बताने के लिए भी कहा कि क्या बोर्ड ने ऐसे काम के लिए निजी कंपनी का चयन करने से पहले कोई निविदा निकाली थी. अदालत ने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए सीबीआइ राज्य के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य से विस्तारपूर्वक पूछताछ करे.