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सारधा घोटाला: 28 ठिकानों पर सीबीआइ के छापे कसा शिकंजा

नयी दिल्ली/कोलकाता: सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह के आवास सहित 28 स्थानों पर तलाशी ली. कोलकाता में 22 जगहों पर छापे मारे गये. तलाशी अभियान में जांच एजेंसी को कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि सारधा समूह के खिलाफ दर्ज […]

नयी दिल्ली/कोलकाता: सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह के आवास सहित 28 स्थानों पर तलाशी ली. कोलकाता में 22 जगहों पर छापे मारे गये. तलाशी अभियान में जांच एजेंसी को कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं.

सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि सारधा समूह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों के संदर्भ में जांच एजेंसी के दलों ने राष्ट्रीय राजधानी, कोलकाता, गुवाहाटी और ओड़िशा में 28 स्थानों पर तलाशी ली. हर दल में करीब 10-15 अधिकारी शामिल थे. उन्होंने कहा कि पूर्व गृह राज्य मंत्री सिंह के दिल्ली के गोल मार्केट स्थित आवास और दफ्तर पर तलाशी ली गयी. उनकी पूर्व पत्नी मनोरंजना सिंह, पूर्व आइपीएस अधिकारी रजत मजूमदार, ईस्ट बंगाल फुटबाल क्लब की कार्यकारी समिति के सदस्य देबब्रत सरकार और सारधा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुदीप्त सेन के आवासों पर तलाशी ली गयी.

सारधा समूह के खिलाफ सीबीआइ ने चार प्राथमिकी दर्ज की है. आरोप है कि इस कंपनी के अधिकारियों और सहयोगी इकाइयों ने निवेशकों के करोड़ों रुपये गबन कर लिए. ओड़िशा में भी इस तरह की पोंजी कंपनियों के खिलाफ 44 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सारधा चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी और राज्य सरकारों से कहा कि वे मामले की जांच कर रहे सीबीआइ के दल को साजो-सामान संबंधी पूरी मदद मुहैया कराएं.

इडी ने जारी किया समन
उधर, प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने भी करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में अपनी जांच की गति बढ़ा दी है. इडी सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के एक मंत्री को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है. अभी इस मंत्री के नाम का खुलासा नहीं किया गया है.

कोलकाता में जहां तलाशी ली गयी
पूर्व आइपीएस अधिकारी रजत मजूमदार, ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी देबब्रत सरकार, सुदीप्त सेन की पत्नी पियाली सेन, अरिंदम दास, मिताली बनर्जी, अशोक विश्वास, शांतनू घोष, रमेश गांधी, नरेश भालोटिया, तरुण रॉय, अजीत बनर्जी, सुदीप घोष दस्तीदार, मौलमी मुखर्जी, कौशिक पहारी के आवास पर छापे मारे गये.

सारधा मामले से कैसे जुड़ा पूर्व आइपीएस अधिकारी रजत मजूमदार का नाम
इस मामले में पूर्व आइपीएस अधिकारी रजत मजूमदार का नाम जुड़ने को लेकर सीबीआइ के अधिकारी बताते हैं कि सारधा के मिडलैंड पार्क स्थित दफ्तर के अलावा चिटफंड कंपनी के कुछ अन्य दफ्तरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रजत मजूमदार की सुरक्षा एजेंसी पर थी. सुदीप्त सेन व रजत के बीच सुरक्षा एजेंसी को लेकर समझौता हुआ था. इसके कागजात की जांच करने पर समझौता पत्र में सुदीप्त सेन के हस्ताक्षर मिले, लेकिन रजत का हस्ताक्षर उसमें नहीं था. लेकिन इस समझौते के बाद से ही रजत के बैंक खाते में हर महीने रुपये जाते रहे. लिहाजा जब दोनों के बीच एग्रीमेंट में हस्ताक्षर ही नहीं था तो रुपये क्यों गये. इस लिहाज से उनका नाम इस मामले में जुड़ा और उनके घर में छापेमारी की गयी.

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