कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी निवेश आकर्षित करने के लिये आज सिंगापुर के लिये रवाना हुईं. यह उनकी पहली विदेश यात्रा है. हालांकि विपक्षी दलों ने उनकी इस पहल से राज्य को कुछ मिलने को लेकर अंदेशा जताया है.राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र ने कहा कि ममता के साथ उनकी पहली विदेश यात्रा में उच्च स्तरीय अधिकारी तथा व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी गया है. हालांकि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों के नाम नहीं बताये.
वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने निवेश लाने को लेकर उनकी क्षमता पर संदेह जताते हुए दावा किया है कि जमीन के मामले में तृणमूल कांग्रेस की नीतियां तथा टाटा मोटर्स के सिंगूर कारखाने की स्थिति को देखते हुए निवेश लाना टेढी खीर है.
भाजपा के सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पांच दिन की यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘उनकी एक दिन की बैठक है. अगले चार दिन वह क्या करेंगी.’’ तृणमूल कांग्रेस की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए माकपा के सांसद मोहम्मद सलीम ने प्रेट्र से कहा, ‘‘पिछले तीन साल में हमने कोई निवेश नहीं देखा है. अब मुख्यमंत्री निवेश आकर्षित करने के लिये विदेश जा रही हैं. यह स्वागतयोग्य कदम है लेकिन किसी चीज का स्वाद उसके खाने में है.’’ उन्होंने गंभीरता को लेकर संदेह जताया.
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा, ‘‘जिस राज्य में टाटा मोटर्स चली गयी, मुङो संदेह है कि वहां कोई विदेशी निवेश आएगा.’’ मित्र ने हाल ही में कहा था कि सिंगापुर सरकार की यात्रा पर ममता वहां जा रही हैं जो इस मौके का उपयोग निवेश आकर्षित करने के लिये करेंगी.