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नेताओं के बदलेंगे वार्ड

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड भंग होने के बाद एक ओर जहां सामान्य काम-काज के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई है, वही दूसरी ओर चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. प्रशासनिक स्तर पर सिलीगुड़ी नगर निगम के 47 सीटों के आरक्षण तालिका को अंतिम रूप देने का काम जारी […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड भंग होने के बाद एक ओर जहां सामान्य काम-काज के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई है, वही दूसरी ओर चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है.

प्रशासनिक स्तर पर सिलीगुड़ी नगर निगम के 47 सीटों के आरक्षण तालिका को अंतिम रूप देने का काम जारी है. इस मुद्दे को लेकर जिले के चुनाव अधिकारी तथा डीएम पुनीत यादव ने एक सर्वदलीय बैठक भी की. इस बैठक में आरक्षण तालिका की संभावित सूची विभिन्न दलों के नेताओं को सौंप दी गई है और इस महीने की 25 तारीख तक संशोधन संबंधी मांगों को रखने का निर्देश दिया गया है.

अंतिम सूची 29 तारीख को प्रकाशित की जायेगी. वर्तमान में जिला प्रशासन ने जिस आरक्षण तालिका को तैयार किया है उसमें कुछ अधिक फेर-बदल की संभावना नहीं दिख रही है. इस आरक्षण तालिका को अगर देखें तो विभिन्न दलों के दिग्गज नेताओं को भारी परेशानी होगी. विभिन्न सीटों पर जीते काउंसिलरों के सीट बदल जाएंगे. इसमें उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव की सीट भी शामिल है. इस आरक्षण सूची को देखते के बाद विभिन्न दलों के वर्तमान काउंसिलरों में हड़कंप मचा हुआ है और वह सभी अभी से ही अपनी सीट तलाशने में जुट गये हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जो वर्तमान सूची तैयार की गई है उसके अनुसार निवर्तमान बोर्ड के कई एमआईसी सहित विभिन्न वार्डो के काउंसिलर अपनी वर्तमान सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव विधायक के साथ-साथ सिलीगुड़ी नगर निगम के 17 नंबर वार्ड के काउंसिलर भी हैं. इस वार्ड को महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है. अगर अंतिम सूची में भी यही स्थिति बनी रही तो मंत्री गौतम देव वार्ड नंबर 17 से काउंसिलर का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सिलीगुड़ी के दो अन्य हेवीवेट तृणमूल कांग्रेस नेता नान्टू पाल तथा संजय पाठक की भी कुछ ऐसी ही स्थिति होने वाली है.

यह दोनों ही नेता किसी जमाने में कांग्रेस के साथ थे और बाद में हवा का रूख देखते हुए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इसमें संजय पाठक तो हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इन दोनों नेताओं के अलावा एमआईसी देवशंकर साहा तथा माकपा काउंसिलर एवं सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल के नेता नुरूल इसलाम भी अपने-अपने वर्तमान वार्डो से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. प्रस्तावित आरक्षण सूची के अनुसार वार्ड नंबर 47 को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है.

वर्तमान में इस वार्ड से मुंशी नुरूल इसलाम निवर्तमान काउंसिलर हैं. अब उन्हें किसी अन्य वार्ड से चुनाव लड़ना होगा. माकपा सूत्रों के अनुसार उन्होंने अभी से ही अपने लिए सुरक्षित वार्ड की तलाश शुरू कर दी है. इसी तरह से वार्ड नंबर एक के निवर्तमान काउंसिलर संजय पाठक को भी अन्यत्र अपना ठिकाना खोजना पड़ेगा.

वार्ड नंबर एक को अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है. संजय पाठक मेयर गंगोत्री दत्ता के नेतृत्व वाली मेयर परिषद में बस्ती विकास विभाग के एमआईसी थे. चार दिनों पहले ही वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उनके नजदीकी सूत्रों ने बताया है कि वार्ड नंबर एक के अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होने के बाद संजय पाठक के सामने अस्तित्व का संकट दिखने लगा था. वार्ड नंबर एक के अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने की खबर उन्हें काफी पहले से थी.

ऐसे में वह अपने लिए सुरक्षित सीट की तलाश में ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं. वह किस वार्ड से चुनाव लड़ेंगे, यह अभी फिलहाल तय नहीं है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को उन्होंने हिन्दी भाषी बहुल वार्ड से ही चुनाव लड़ने की अपनी ख्वाहिश जाहिर की है.

इस बीच, प्रस्तावित आरक्षण तालिका में वार्ड नंबर दो, पांच, आठ, 11, 14, 17, 21, 25, 28, 31, 34, 39 तथा 43 नंबर वार्ड सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है. इसके अलावा वार्ड नंबर 20, 22, 36 तथा 41 को अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है. एक अन्य निवर्तमान एमआईसी कांग्रेस के देवशंकर साहा को भी अपने वर्तमान वार्ड 39 को छोड़ कर किसी अन्य वार्ड से चुनाव जीतने की जुगत लगानी होगी.

उनके वर्तमान वार्ड को महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है. वार्ड नंबर दो के माकपा काउंसिलर मुकुल सेनगुप्ता को भी अपना ठिकाना अन्य ढूंढ़ने की जरूरत पड़ेगी. यह दूसरा मौका होगा जब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए लगातार वार्ड बदलनी पड़ेगी. 2009 में हुए सिलीगुड़ी नगर निगम के चुनाव में वह वार्ड नंबर 46 छोड़कर वार्ड नंबर दो आये थे. तब वार्ड नंबर 46 को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया था. वार्ड नंबर दो में माकपा की ही स्निग्धा हाजरा काउंसिलर थी और उनका टिकट काट कर मुकुल सेनगुप्ता को वार्ड नंबर दो से चुनाव लड़ाया गया.

वह यहां से जीतने में कामयाब रहे थे. दूसरी तरफ वार्ड नंबर 46 से मुकुल सेनगुप्ता के निकलने के बाद माकपा ने महिला सीट होने के कारण राधा छेत्री को चुनाव लड़ाया. राधा छेत्री इस सीट से नहीं जीत पायी थी और माकपा से कांग्रेस में शामिल शिखा राय से उनकी हार हुई थी. इस तरह से कहें तो लगातार दो कार्यकाल में मुकुल सेनगुप्ता को अपना वार्ड बदलना पड़ेगा. वाम मोरचा के एक अन्य घटक दल फारवार्ड ब्लॉक के अमरनाथ सिंह भी अपने वार्ड से इस बार चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. उनके पांच नंबर वार्ड को महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है.

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