बायीं की जगह दायीं आंख का कर दिया ऑपरेशन

कोलकाता: आंख का ऑपरेशन कराने गये तीन मरीजों को अब अपनी आंख गंवाने का डर सता रहा है. हाल ही में एक नि:शुल्क नेत्र ऑपरेशन शिविर में उन्होंने अपनी आंखों का ऑपरेशन करवाया था. घटना बड़ाबाजार इलाके में स्थित मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अस्पताल की है. इन तीन मरीजों की हालत देखते हुए मेडिकल कॉलेज व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2014 1:33 AM

कोलकाता: आंख का ऑपरेशन कराने गये तीन मरीजों को अब अपनी आंख गंवाने का डर सता रहा है. हाल ही में एक नि:शुल्क नेत्र ऑपरेशन शिविर में उन्होंने अपनी आंखों का ऑपरेशन करवाया था.

घटना बड़ाबाजार इलाके में स्थित मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अस्पताल की है. इन तीन मरीजों की हालत देखते हुए मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इनकी हर संभव चिकित्सा की जा रही है. लेकिन कुछ भी कह पाना मुश्किल है. इन तीन मरीजों में से एक का आरोप है कि उसे अपनी बायीं आंख का ऑपरेशन करवाना था, लेकिन डाक्टरों ने इस शिविर में उसकी दायीं आंख का ऑपरेशन कर दिया.

क्या है मामला
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक गत 17 अगस्त को मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी में नि:शुल्क नेत्र ऑपरेशन शिविर लगाया गया था. यहां राज्य के कई क्षेत्रों से गरीब व जरूरतमंद लोग अपना नेत्र का ऑपरेशन कराने आये थे. इस दिन कुल 41 लोगों ने अपनी आंखों की जांच करवायी, जिनमें से 38 लोग ठीक होकर घर पहुंच गये. लेकिन तीन मरीजों को दिक्कतें होने लगीं.

घर पहुंचने के बाद परेशानी होने पर सभी ने स्थानीय डॉक्टरों से संपर्क किया. इसके बाद डॉक्टरों ने आंखों में इंफेक्शन हो जाने की जानकारी देते हुए सरकारी अस्पताल में जाने की सलाह दी. इसके बाद तीनों मरीजों का मध्य कोलकाता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है.

चिकित्सा में लापरवाही का लगाया आरोप
तीनों मरीजों में से एक का आरोप है कि उसने अपनी बायीं आंख का ऑपरेशन कराना था. लेकिन डाक्टरों ने जल्दबाजी में उसकी दायीं आंख का ऑपरेशन कर दिया. इसके बाद से उसकी आंखों में दर्द और सूजन बढ़ने लगी. अन्य दो मरीजों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही उनकी आंखों में दर्द बढ़ते जा रहा है. आंखों से पानी आने के साथ ही सूजन भी बढ़ गयी है. अस्पताल के डॉक्टरों को इसकी जानकारी देने पर तकलीफ जानने के बजाय वे उन्हें डांटते हुए उन पर लापरवाही का आरोप लगाया. अब हालत यह है कि इन तीन मरीजों को अपनी आंखों की रोशनी गंवाने का खतरा महसूस होने लगा है.

क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का
इस मामले पर मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी की ओर से गोविंद राम अग्रवाल का कहना है कि मरीजों की आंखों का ऑपरेशन अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ पीके सिंह ने किया था. ऑपरेशन के बाद मरीजों को आंखों में पानी व साबुन जैसा कुछ भी नहीं लगाने का सुझाव दिया गया था. मरीजों द्वारा लापरवाही बरतने के कारण ही उन्हें इंफेक्शन हुआ होगा. उन्होंने बायीं की जगह दायीं आंख के ऑपरेशन करने संबंधी आरोप को भी बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि मरीज ने ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर को जिस आंख का ऑपरेशन करने को कहा था, उसी आंख का ऑपरेशन किया गया है. हालांकि उन्होंने मौजूदा हालात पर दु:ख जताते हुए मरीजों की हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया.

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