माकपा से हाथ मिला सकती हैं ममता बनर्जी

कोलकाता: मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि राजनीति में कोई भी अछूत नहीं है और भाजपा को रोकने के लिए उन्हें माकपा से भी बातचीत करने में कोई आपत्ति नहीं है. एक चैनल को दिये गये साक्षात्कार में सुश्री बनर्जी ने कहा कि बिहार में भाजपा के खिलाफ लालू, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2014 1:34 AM

कोलकाता: मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि राजनीति में कोई भी अछूत नहीं है और भाजपा को रोकने के लिए उन्हें माकपा से भी बातचीत करने में कोई आपत्ति नहीं है.

एक चैनल को दिये गये साक्षात्कार में सुश्री बनर्जी ने कहा कि बिहार में भाजपा के खिलाफ लालू, नीतिश व कांग्रेस के समझौता का वह स्वागत करती हैं. यदि लोकसभा चुनाव के पहले यह समझौता होता, तो बिहार में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलती. सुश्री बनर्जी ने उनका अभिनंदन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में कोई भी अछूत नहीं है. इससे पहले भी उन लोगों ने समझौता किया है. एसयूसीआइ के साथ समझौता किया है. छोटे-छोटे दलों के साथ समझौते किये जा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि राजनीति में दरवाजे बंद नहीं होते. विकल्प बंद करने से नहीं चलेगा. यदि माकपा के साथ बातचीत का कोई प्रस्ताव आता है, तो इस पर विचार किया जायेगा. सुश्री बनर्जी ने कहा कि उन्हें वामपंथियों से घृणा नहीं है. इनमें से कई को अपनी पार्टी में शामिल कर चुकी हैं. सुकांत की कविताएं उन्हें बहुत पसंद है.

व्रात्य, अर्पिता सभी वामपंथी विचारधारावाले नेता थे, लेकिन अब वे तृणमूल में हैं. भाजपा जानती है कि राजनीति कर वह आम लोगों तक नहीं पहुंच सकती है. इसलिए वह लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है. जंगल महल को अशांत करने की कोशिश हो रही है. सुश्री बनर्जी ने कहा : मैंने अटलजी को देखा है. अब भाजपा में अटलजी की कोई पूछ नहीं है. अभी भाजपा में नया गुट हावी हो गया है. उसकी ही मनमानी चलती है.

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