कोलकाता:बऊबाजार इलाके के प्रेमचंद बोराल स्ट्रीट में रविवार शाम एक पुरानी इमारत का एक हिस्सा गिरने के बाद यह भयावह सच्चई सामने आयी है कि इस इलाके में ऐसी कई इमारतें बेहद खतरनाक हालत में हैं, जो कभी भी दुर्घटना की शिकार हो सकती हैं.
इस दुर्घटना के बाद सोमवार को निगम की बिल्डिंग विभाग की बैठक हुई, जिसमें यह सामने आया कि चूंकि उक्त इमारत शहर के रेड लाइट एरिया में स्थित है, इसलिए निगमकर्मी वहां जाते ही नहीं हैं. इसके साथ ही इस इलाके में और भी 20 ऐसी इमारते हैं, जिनकी हालत रखरखाव के अभाव में बेहद खतरनाक हो चुकी हैं. यह तथ्य सामने आने के बाद निगम ने अपने कर्मियों को हिदायत दी है कि वह इलाके में जा कर इन इमारतों का जायजा लें और मालिकों को नोटिस जारी कर मरम्मत करने के लिए कहें. अगर मकान मालिक इन इमारतों की मरम्मत नहीं करवाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.
सूत्रों के अनुसार महानगर में ऐसी 3000 से अधिक खस्ताहाल इमारतें हैं, जिनकी हालत बेहद खतरनाक हैं. अब तक निगम वहां केवल 411 (1) का नोटिस लगा कर और इमारत को खतरनाक बता कर अपना पल्लू झाड़ लिया करता था. आमतौर पर निगम के अधिकारी यह भी दावा करते रहे हैं कि उनके हाथों में इससे अधिक शक्ति नहीं है. पर निगम के नियमों में खतरनाक घोषित की गयीं इमारतों को न केवल खाली करवाने , बल्कि उसे तोड़ने का प्रावधान भी मौजूद है.
निगम की नियम 411 (4) के तहत खतरनाक घोषित इमारत की स्थिति को देखते हुए उसे लोगों से खाली करवाया जा सकता है. वहीं, नियम 411 (5) के अनुसार निगम आयुक्त के निर्देश पर खतरनाक घोषित इमारत को तोड़ा भी जा सकता है, पर अब तक इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था. अब अधिकारियों का यह साफ निर्देश दे दिया गया है कि दुर्घटना से बचने एवं लोगों की जान व माल की हिफाजत के लिए इन कानूनों को इस्तेमाल में लाया जाये.