दार्जिलिंग में खुलेगा सीएम कार्यालय
कोलकाता संवाददाता – जीटीए की बैठक में हुआ फैसला – चार विद्युत परियोजनाओं की भी घोषणा – कर्सियांग में बनेगा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल – बैठक में शामिल नहीं हुई ममता – मुख्य सचिव ने की अध्यक्षता – गोजमुमो ने मांगे कई विभाग दार्जिलिंग: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए […]
कोलकाता संवाददाता
– जीटीए की बैठक में हुआ फैसला
– चार विद्युत परियोजनाओं की भी घोषणा
– कर्सियांग में बनेगा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
– बैठक में शामिल नहीं हुई ममता
– मुख्य सचिव ने की अध्यक्षता
– गोजमुमो ने मांगे कई विभाग
दार्जिलिंग: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए दार्जिलिंग में मुख्यमंत्री कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है. इस कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति होगी. यह अधिकारी पहाड़ के लोगों की विभिन्न समस्याओं को सुनेंगे और उनके समाधान की कोशिश करेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं जब दार्जिलिंग के दौरे पर आयेंगी, तो वह भी इस कार्यालय में बैठेंगी. आज जीटीए की बैठक में यह निर्णय लिया गया. कालिम्पोंग में राज्य सरकार के साथ जीटीए की दोपक्षीय बैठक हुई और इसमें कई निर्णय लिया गया, हालांकि इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई.
राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव संजय मित्रा तथा गृह सचिव वासुदेव बनर्जी इस बैठक में शामिल हुए. बैठक में चार विद्युत परियोजना की शुरूआत की भी मंजूरी दी गयी. इनमें से तीन परियोजनाओं का निर्माण तीस्ता में होगा, जबकि एक का निर्माण दार्जिलिंग के रम्माम में करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही कर्सियांग में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का भी निर्णण इस बैठक में लिया गया. कड़ी सुरक्षा तथा आशा एवं आकांक्षाओं के बीच कालिम्पोंग में यह बैठक शुरू हुई और मोरचा की ओर से रोशन गिरी, त्रिलोक देवान, विनय तामांग आदि इस बैठक में शामिल हुए.
क्या कहा रोशन गिरी ने
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए गोजमुमो नेता रोशन गिरी ने कहा है कि जीटीए समझौते के दौरान राज्य सरकार के जिन विभागों के जीटीए को हस्तांतरित की गयी थी, उन विभागों को शीघ्र हस्तांतरण की मांग राज्य सरकार से की गयी है. उन्होंने कहा कि जिन चार विद्युत परियोजनाओं को मंजुरी दी गयी है, उसके निर्माण का काम एनएचपीसी को सौंपने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से 119 करोड़ रुपये जीटीए को देने की मांग की. श्री गिरी ने बताया कि दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद के रहते 119 करोड़ रुपये राज्य सरकार को वापस लौटा दिये गये थे.
राज्य सरकार ने पहाड़ पर विभिन्न विकास कार्यों के लिए इस धन को मंजुर किया था. अब जबकि दागोपाप का अस्तित्व खत्म हो गया है, तो ऐसे में 119 करोड़ रुपये जीटीए को दिये जाने चाहिए. इन रुपयों की मदद से वह पर्वतीय क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के विकास के काम करेंगे. बैठक में रोशन गिरी ने पहाड़ की समस्या को लेकर त्रिपक्षीय बैठक भी बुलाने की मांग राज्य सरकार से की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान विभिन्न समस्याओं के समाधान संभव नहीं हो पा रहा है. जीटीए के समझौते पर कंेद्र सरकार ने भी हस्ताक्षर किये हैं, इसलिए जीटीए के मुद्दे पर त्रिपक्षीय बैठक बुलायी जानी चाहिए.
क्या कहना है मुख्यमंत्री का
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चार विद्युत परियोजना के लगाने के निर्णय को एक बड़ी उपलब्धि बताया है. कालिंपोंग में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि इन चार विद्युत परियोजनाओं के लग जाने से सिर्फ पहाड़ के लोगों का ही नहीं बल्कि सिलीगुड़ी तथा जलपाईगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल के लोगों को लाभ होगा. बिजली की कमी को पूरी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी में एनएचपीसी के अधिकारियों को लेकर शीघ्र ही इस मुद्दे पर बातचीत होगी और परियोजनाओं के निर्माण की जिम्मेदारी उनको सौंप दिया जायेगा. उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ के लोगों को किसी सरकारी काम में असुविधा न हो, इसी को ध्यान में रख कर मुख्यमंत्री कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है. इससे पहले सिलीगुड़ी में मिनी सचिवालय उत्तर कन्या की स्थापना की गयी है. सिलीगुड़ी तथा आसपास के लोग अपने विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर कन्या आते हैं. इसी तरह पहाड़ के लोग भी मुख्यमंत्री के इस नये कार्यालय से संपर्क कर विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री से मिले गोजमुमो नेता
जीटीए के बैठक के बाद गोजमुमो नेताओं ने अलग से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत की. मुख्यमंत्री के साथ करीब 20 मिनट तक गोजमुमो नेताओं ने बातचीत की.