सारधा घोटाले के दोषी सलाखों के पीछे होंगे: अमित शाह

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को जहां राज्य पार्टी नेताओं को 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपना रणनीतिक मंत्र दिया, वहीं सारधा चिटफंड घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सहयोगियों पर घोटाले में शामिल होने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2014 10:13 AM

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को जहां राज्य पार्टी नेताओं को 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपना रणनीतिक मंत्र दिया, वहीं सारधा चिटफंड घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सहयोगियों पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कदम उठाये जायेंगे.

शाह ने कहा, आप (ममता) सारधा घोटाले में 17 लाख निवेशकों के साथ ठगी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं, क्योंकि आपके खुद के सहयोगी और चेले-चपाटे इसमें शामिल हैं. सारधा घोटाले के पैसे किसके पास गये, हमें इसका जवाब चाहिए. भाजपा अध्यक्ष चौरंगी विधानसभा सीट के उपचुनाव के सिलसिले में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में शहर के बऊबाजार में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, आपको (ममता बनर्जी) भ्रष्टाचार एवं घोटाले में शामिल अपने कार्यकर्ताओं और सहयोगियों से निपटना होगा. अगर आप ऐसा नहीं कर सकतीं तो कृपया पद छोड दें. भाजपा बंगाल में सुशासन प्रदान करेगी. उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और बंगाल के लोग आपको 2016 के विधानसभा चुनाव में बाहर का रास्ता दिखायेंगे. अमित शाह ने कहा, 2,000 से अधिक किसानों ने नंदीग्राम और सिंगुर में अपनी जमीन गंवायी थी और आप उस नाइंसाफी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उपवास पर बैठी थीं.
लेकिन इस सारधा घोटाले में तो बंगाल के 17 लाख से अधिक लोगों की जमा राशि चली गयी. उन्होंने कहा, आप (ममता) इस घोटाले के खिलाफ धरना पर बैठने के बारे में क्यों नहीं सोच रहीं? आप अपनी जमा पूंजी गंवाने वाले लोगों के लिए सड़कों पर क्यों नहीं उतर रहीं?
इससे पहले शाह ने माहेश्वरी सदन में राज्य भाजपा कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया. यहां भी उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अगर सिंगुर एवं नंदीग्राम जैसे आंदोलन में एक से दो हजार किसानों को लड़ाई में साथ देकर संघर्ष कर 34 साल के वाम मोरचा के शासन काल को खत्म कर सकती हैं, तो हम भाजपाई सारधा घोटाले में बंगाल के 17 लाख पीडि़त लोगों (निवेशकों) को उनके हक की लड़ाई में साथ लेकर संघर्ष व आंदोलन के माध्यम से उनके धन को वापस दिला, तृणमूल कांग्रेस के शासन को उखाड़ कर फेंक सकते हैं.
बैठक में पार्टीजनों को जीत का मंत्र देते हुए उन्होंने निर्देश दिया है सबसे पहले भाजपा के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी से लेकर एक आम कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर उनके दुख-सुख का भागी बने. जिस तरह से शक्कर दूध में मिल जाता है, उसी प्रकार भाजपा कार्यकर्ता बंगाल की जनता के साथ मिल जायें. लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को मिले 17 फीसदी वोट साबित करते हैं कि यहां की भूमि अब भाजपा के लिए उर्वरक हो चुकी है.
भाजपा को बीज बोना हैं एवं फसल काटना है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश भाजपा को बूथ रक्षा समितियों का गठन करने का निर्देश दिया. इस समिति का दायित्व युवा मोरचा तथा युवा सदस्यों का दिया जायेगा. समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का सबसे पहला काम दूसरे दलों द्वारा बूथ कब्जाने जैसी घटनाओं को रोकना होगा. समिति के सदस्य सबसे पहले वोटरों को घर से बूथ तक ले जाने में सक्रिय भूमिका रखेंगे.
बूथों पर होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोकना होगा. असामाजिक तत्वों के हमलों से वोटरों की रक्षा करनी होगी. जब तक बंगाल में हम मतदाताओं के लिए वोट देने की यह व्यवस्था नहीं करेंगे, हमारा लक्ष्य पूरा नहीं होगा. शाह ने कहा कि इसी मंत्र से मैंने यूपी को जीत लिया. अब बंगाल की बारी है. उन्होंने निर्देश दिया कि मिशन 2016 का रोड मैप तैयार करने व आने वाले संघर्ष का सामना करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष के साथ पांच पदाधिकारियों को लेकर एक कोर कमेटी का गठन हो. जिससे कि राज्य व्यापी आंदोलनों एवं जनहित के कार्यों की रूप रेखा तैयार हो. कोई भी सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था का दमन कर सत्ता में नहीं रह सकती. वह दिन दूर नहीं जब सुशासन के साथ बंगाल में भाजपा का ही एक कार्यकर्ता मुख्यमंत्री की कुरसी पर राइटर्स में बैठेगा.
* बंगाल का विकास नहीं तो भारत का विकास नहीं
अमित शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि एक समय बंगाल उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य सफलता के शीर्ष पर था. बंगाल जो आज सोचता था, भारत कल सोचता था. लेकिन कांग्रेस, वामफ्रंट एवं वर्तमान तृणमूल की सरकार ने बंगाल को काफी पिछड़ा कर दिया है. अराजकता एवं गुंडागर्दी लगातार बढ़ रही है. भाजपा ने भारत के विकास का बीड़ा अपने हाथों में उठाया है. ऐसे में जब तक भाजपा बंगाल का विकास नहीं करेगी, भारत का विकास नहीं होगा.
भारत के विकास के लिए बंगाल का विकास जरूरी है. इसलिए भाजपा बंगाल के विकास के लिए भी कटिबद्ध है. अब समय आ गया है कि हम अपने संघर्ष एवं जनहित मूल आंदोलन, कार्य एवं जनता के बीच जाकर बंगाल के विकास के लिए काम करें एवं मिशन 2016 के अंतर्गत बंगाल में भाजपा का सुशासन लायें. इस बैठक में राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल में भाजपा के केंद्रीय प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा, सांसद एसएस अहलूवालिया, सांसद चंदन मित्रा, सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे.

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