कांग्रेस, माकपा व भाजपा ने लिये सारधा के रुपये : ममता

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस ने सारधा का पैसा नहीं खाया. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने कहा कि सारधा घोटाले के आरोपियों को तृणमूल के नेतृत्व वाली सरकार ने ही पकड़ा. कांग्रेस, माकपा और भाजपा ने सारधा के रुपये लिये हैं, हमने नहीं. तृणमूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2014 4:56 AM
कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस ने सारधा का पैसा नहीं खाया. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने कहा कि सारधा घोटाले के आरोपियों को तृणमूल के नेतृत्व वाली सरकार ने ही पकड़ा. कांग्रेस, माकपा और भाजपा ने सारधा के रुपये लिये हैं, हमने नहीं. तृणमूल कांग्रेस को बदनाम किया जा रहा है. यदि किसी पूजा कमेटी ने सारधा का पैसा लिया हो तो और बात है.
सारधा के कार्यक्रम में पहुंचने के संबंध में मुख्यमंत्री का कहना था कि अपर्णा सेन वहां की एक पत्रिका की संपादक थीं. यदि वह उन्हें आमंत्रित करती हैं तो क्या वह नहीं जायेंगी. अब वह पत्रिका किसके पैसों से निकलती थी, यह देखना उनका काम नहीं है. हम चिटफंड को अपराध मानते है. माकपा के शासन में चिटफंड अस्तित्व में आया. भाजपा भी तो 1998 से 2004 तक केंद्र में थी.
तब उसने इस मामले क्यों नहीं कुछ किया. हमने तो कमीशन तैयार किये, चाजर्शीट फाइल की, गिरफ्तारियां की. सारधा के पांच लाख निवेशकों को पैसे वापस देने का दावा भी मुख्यमंत्री ने किया. उन्होंने कहा कि 10 हजार रुपये तक निवेश करने वाले चार लाख लोग और 20 हजार रुपये निवेश करने वाले एक लाख लोगों को सरकार ने पैसे वापस किये हैं. तसवीर की बिक्री के सवाल पर उनका कहना था कि यदि वह तसवीरों को न बेचा जाय तो तृणमूल कैसे चलेगी. वह विरोधियों को क्यों बताएं कि तसवीर को किसे बेचा गया और उसकी राशि कहां गयी. राज्य में सिंडिकेट राज के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इसके पक्ष में नहीं हैं.
माकपा के शासनकाल में अस्तित्व में आया चिटफंड एक दिन में तो समाप्त हो नहीं सकता. कई बार मोहल्लों के बेरोजगार युवक इसके साथ जुड़े होते हैं. यह भी ध्यान देना जरूरी है. सभी सिंडिकेट खराब नहीं. कॉलेजों में छात्रों के आचरण के संबंध में उनका कहना था कि 18 वर्ष की उम्र वाले युवा बाधा नहीं समझते. उनमें आग रहती है, यही उनका धर्म है. हालांकि शिक्षकों व छात्रों का संबंध खराब न हो इसका प्रयास किया जाना चाहिए. किसी एक पक्ष को इसके लिए दोष नहीं देना चाहिए.
मोदी के 100 दिनों के शासन से लोगों को रोना आया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के 100 दिनों के शासनकाल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आने से पहले कहा गया था कि अच्छे दिन आयेंगे. लेकिन अब लोगों को रोना आ रहा है. रेलवे का किराया बढ़ाया गया. पेट्रोल की कीमतों में रोज ही वृद्धि हो रही है. रक्षा क्षेत्र में भी एफडीआइ लाया जा रहा है. भाजपा के नेता उकसावे वाला बयान दे रहे हैं. प्रधानमंत्री ढोल बजा रहे हैं. वह केवल पब्लिसिटी के लिए ऐसा कर रहे हैं. अपने शासनकाल के 100 दिनों में से 90 दिन तो वह बाहर ही रहें. मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में सुश्री बनर्जी ने राज्य में विकास होने का दावा किया. देश की जीडीपी विकास दर जहां 4.7 है वहीं बंगाल की 8.62 है. कृषि क्षेत्र में विकास दर देश भर में 4.7 है तो बंगाल में यह 5.38 है. औद्योगिक क्षेत्र में देश भर में विकास दर 0.4 फीसदी है तो बंगाल में विकास दर 8.74 फीसदी.

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