कोलकाता : राज्य की दो विधानसभा सीटों चौरंगी और बशीरहाट दक्षिण में उपचुनाव के तहत शनिवार को छिटपुट हिंसा के बीच वोट डाले गये. राज्य में ऐसा पहली बार हुआ, जब उपचुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं हुईं. हालांकि चुनाव आयोग ने उपचुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने का दावा किया है. संयुक्त मुख्य चुनाव अधिकारी अमित ज्योति भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ स्थानों पर हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्ण रहा. चुनाव प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंची.
एक-दो जगहों पर इवीएम में खराबी की सूचना मिली थी, जिसे तत्काल दुरुस्त कर लिया गया. चौरंगी विधानसभा क्षेत्र में 47.13 फीसदी मतदान हुआ, जबकि बशीरहाट दक्षिण में 79.59 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले. लोकसभा चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत में गिरावट आयी है.इसी साल लोकसभा के चुनाव में बशीरहाट दक्षिण क्षेत्र में 85.22 फीसदी और चौरंगी में 57.72 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. मतगणना 16 सितंबर को होगी.
चुनाव आयोग भले ही मतदान शांतिपूर्ण होने का दावा कर रहा है, पर सुबह मतदान शुरू होते ही चौरंगी क्षेत्र के हाजी मोहम्मद मोहसिन स्क्वायर में दो दलों में झड़प शुरू हो गयी. दिन चढ़ाने के साथ ही हिंसा की घटनाएं बढ़ती गयीं. सुरेंद्र नाथ कॉलेज के पास सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस व माकपा के बीच झड़प हो गयी. इस घटना में दो महिलाओं सहित छह लोग घायल हो गये. बेंटिंक स्ट्रीट के पास भाजपा व तृणमूल में हिंसक झड़प हुई.
गौरतलब है कि चौरंगी विधानसभा क्षेत्र में नौ उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं, जबकि बांग्लादेश सीमा से सटे उत्तर 24 परगना के बशीरहाट दक्षिण सीट पर पांच प्रत्याशी मैदान में हैं. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में चौरंगी सीट से तृणमूल कांग्रेस की शिखा मित्र विजयी हुई थीं. तृणमूल कांग्रेस से मित्र के त्यागपत्र देने के कारण इस सीट के लिए उपचुनाव हुआ. तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की पत्नी नयना बंद्योपाध्याय को चौरंगी सीट से मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने इस सीट पर रितेश तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस की ओर से संतोष पाठक और माकपा से फैयाज अहमद खान मैदान में हैं.
वर्ष 2011 में बशीरहाट दक्षिण विधानसभा सीट पर माकपा के नारायण मुखोपाध्याय विजयी रहे थे, लेकिन उनकी मृत्यु के कारण इस सीट पर उपचुनाव के तहत शनिवार को वोट डाले गये. तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व फुटबॉलर दीपेंदु विश्वास को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने शमिक भट्टाचार्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस से असित मजूमदार भाग्य आजमा रहे हैं. माकपा की ओर से मृणाल चक्रवर्ती मैदान में हैं. सारधा चिटफंड घोटाले के मद्देनजर दो सीटों के उपचुनाव को तृणमूल कांग्रेस के लिए अग्नि परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है. तृणमूल के कई नेताओं पर सीबीआइ ने शिकंजा कस दिया है. कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. तृणमूल कांग्रेस फिलहाल सियासी तौर पर मुश्किल हालात का सामना कर रही है.