गुवाहाटी : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित सारधा चिटफंड घोटाले की जांच के दायरे में आये असम के पूर्व डीजीपी शंकर बरुआ बुधवार को अपने गुवाहाटी स्थित आवास में मृत पाये गये. बरुआ से हाल ही में सीबीआइ ने पूछताछ की थी. बाद में स्वास्थ्य कारणों को हवाला देते हुए उन्हें अस्पताल में भरती कराया गया था. चार दिन के बाद कल ही वे अस्पताल से घर आये थे.
पुलिस ने इस संबंध में बताया है कि उन्होंने खुद ही रिवॉल्वर से गोली मारी है. बताया जा रहा है कि जिस समय उन्होंने खुद को गोली मारी उस समय उनके घर पर 90 वर्षीया उनकी मां मौजूद थीं.
बरुआ के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, घोटाले में नाम आने व सीबीआइ द्वारा पूछताछ किये जाने से वे आहत थे. सीबीआइ ने उनके घर समेत असम व पश्चिम बंगाल के 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. उनके बैंक अकाउंट की भी सीबीआइ जांच कर रही थी. उनके पूर्व पश्चिम बंगाल के एक पूर्व डीजीपी को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था.
गुवाहाटी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ए पी तिवारी ने बताया कि बरुआ को 12 बजे तत्काल एक नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. तिवारी ने कहा, बरुआ नहीं रहे. हम जांच कर रहे हैं. हम फिलहाल कुछ नहीं कह सकते. जांच के बाद ही हम विस्तार से कुछ कह पायेंगे.
बरुआ का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. बताया जाता है कि उनके सिर पर गोली लगी थी. उनके परिवार के सूत्रों ने बताया कि सारदा घोटाले में उनका नाम कथित रुप से जोडे जाने से वह अवसादग्रस्त हो गए थे. उन्हें पिछले सप्ताह दिल में दिक्कत होने पर एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से आज सुबह ही उन्हें छुट्टी मिली थी.
उनके परिवार ने कहा, वह (अस्पताल से) आये और आधे घंटे के अंदर छत पर गए एवं वहां उन्होंने पिस्तौल से खुद को गोली मार ली. परिवार के लोग उन्हें तुरंत एक समीप के अस्पताल में ले गए. परिवार का कहना है कि टेलीविजनों पर निरंतर अपने नाम को लेकर चल रहे कवरेज से पूर्व पुलिस महानिदेशक बहुत परेशान थे.
सीबीआइ प्रवक्ता ने दिल्ली में बताया कि असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक से न:न तो पूछताछ की गयर और न:न ही उन्हें तलब किया था.
बरुआ का नाम इस घोटाले में तब सामने आया था जब यहां सारदा मीडिया हाउस के एक कर्मचारी ने पिछले साल आरोप लगाया था कि बरुआ ने उन्हें संरक्षण प्रदान किया था और इसका इंतजाम लोकप्रिय असमिया गायक एवं फिल्मकार सदानंद गोगोई ने इस ग्रुप की ओर से किया था. गोगोई को सीबीआइ और पूछताछ के लिए कोलकाता ले गयी थी और 12 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआइ ने करोड़ों रुपये के इस पोंजी स्कीम घोटाले के सिलसिले में 28 अगस्त को 12 परिसरों पर छापा मारा था. इस दौरान असम के दो पूर्व मंत्रियों के निवासों पर छापे शामिल थे.