लाखों की धोखाधड़ी का आरोप: केकेएन कंपनी का निदेशक गिरफ्तार
कोलकाता: लाखों की धोखाधड़ी के आरोप में केकेएन कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया गया है. कौशिक कुमार नाथ को लालबाजार के गुप्तचर विभाग की टीम ने दिल्ली के द्वारका सेक्टर के पास से शुक्रवार को गिरफ्तार किया. स्थानीय कोर्ट में पेश करने पर आरोपी को 29 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. शनिवार को उसे यहां पेश किया जायेगा.
क्या है मामला : कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि एक वित्तीय कंपनी से लाखों का लोन लेकर कौशिक ने छह कार खरीदी थी. लेकिन लोन का एक भी किस्त नहीं चुकाया. सभी कार को जब्त कर उसे नीलाम किया गया, फिर भी वित्तीय कंपनी को घाटा हुआ. कंपनी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने कई बार आरोपी को बुलाया, लेकिन वह फरार था. 17 सितंबर को वारंट जारी हुआ, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. उसे 2013 में भी धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.
सारधा घोटाला : जांच में तेजी, अन्य कंपनियां भी लपेटे में
सारधा घोटाले की जांच में सीबीआइ की ओर से आयी तेजी के साथ ही अब प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की भी जांच प्रक्रिया तेज होती दिख रही है. इडी ने जलपाईगुड़ी के डुवार्स में सारधा की विभिन्न कंपनियों से जुड़ीं अचल संपत्तियों को अपनी जांच के दायरे में लिया है. सारधा की खाली पड़ी जमीन जब्त कर ली गयी है. दूसरी ओर, पता चला है कि सारधा के पैसे से तृणमूल सांसद ने एक नामी नर्सिग होम में अपना इलाज कराया था. वहीं, रोजवैली के मुख्य लेखाकार व एकाउंटेंट से भी पूछताछ की गयी है. उधर, जमाकर्ताओं के पैसे हड़पने के आरोप में एमपीएस के निदेशक को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, झारखंड में भी चिटफंड कंपनी बेसिल इंटरनेशनल के सदस्यों को गिरफ्तार करने का फरमान जारी हुआ है.
उत्तर बंगाल में सारधा की जमीन जब्त
जलपाईगुड़ी. सारधा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर इडी के अधिकारी फिर जलपाईगुड़ी के डुवार्स पहुंचे. शुक्रवार को जिले में सारधा ग्रुप की विभिन्न जमीन व संपत्तियों की तलाश में विभाग के तीन अधिकारी यहां पहुंचे. उन्होंने मैनागुड़ी, मेटेली व माल ब्लॉक के भूमि व भूमि सुधार विभाग में जाकर जानकारी ली. माल ब्लॉक के मौलानी के हरिसभा की खाली जमीन की जांच करने के बाद वहां साइन बोर्ड लटका कर उस जमीन को इडी ने जब्त कर लिया. दोपहर को इडी के अधिकारी मैनागुड़ी के बीएलआरओ कार्यालय पहुंचे. दफ्तर के अधिकारी विश्वजीत मल्लिक से माल ब्लॉक के मौलानी पंचायत अंतर्गत हरिसभा इलाके के सारधा ग्रुप की 10 बीघा जमीन की रजिस्ट्री संबंधी विभिन्न जानकारी हासिल की. स्थानीय लोगों का कहना है कि हरिसभा निवासी ज्योतिन राय के पास से स्थानीय निवासी कालीपद विश्वास ने 2010 में यह जमीन खरीदी थी.
वर्ष 2010-11 में सारधा ने कालीपद विश्वास से यह जमीन खरीद ली. कैसे यह जमीन बीआलआरओ कार्यालय में रजिस्टर्ड हुई, अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं. मैनागुड़ी के बीएलआरओ विश्वजीत मल्लिक ने बताया कि पूछताछ में उन्होंने इडी का पूरा सहयोग किया. हरिसभा में जमीन जब्त करने के बाद इडी के अधिकारी लाटागुड़ी में सारधा के रिसोर्ट गये. वहां रिसोर्ट की संपत्ति, फर्नीचर, जमीन समेत अन्य संपत्ति की सूची तैयार की. दूसरी ओर, इडी अधिकारियों ने सिलीगुड़ी में भी जब्त की गयी सारधा की संपत्तियों की सूची बनाने में जुट गये हैं. गुरुवार दोपहर को इडी अधिकारी पुलिस के साथ जब्त संपत्तियों की सूची तैयार की. इडी के अधिकारियों ने सारधा की संपत्तियों की नयी सूची तैयार की. इडी सूत्रों के अनुसार, सुदीप्त सेन द्वारा बताये गये तथ्य के साथ पुलिस द्वारा जब्त की गयी संपित्तयों का हिसाब मिलाने के लिए ही सूची तैयार की जा रही है.
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल : इडी सूत्रों के अनुसार, सुदीप्त सेन ने सिलीगुड़ी में जितनी भी संपत्तियों के बारे में जानकारी दी थी, पुलिस उसका बड़ा हिस्सा भी जब्त नहीं कर पायी है. सिलीगुड़ी पुलिस ने सिर्फ माटीगाड़ा में एक फ्लैट, दो गाड़ी व सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित भाड़े के कार्यालय से कुछ कंप्यूटर व कुछ दस्तावेजों को ही जब्त किया है. इडी अधिकारियों को पता चला है कि माटीगाड़ा में सुदीप्त सेन की काफी जमीन है. यही नहीं, सिलीगुड़ी की कुछ जगहों में जमीन खरीद कर अपार्टमेंट बनाने का काम सारधा ने शुरू किया था. इडी का सवाल है कि सिलीगुड़ी में सारधा की इतनी संपत्ति रहने के बाद भी पुलिस की नजर अब तक इन पर क्यों नहीं पड़ी.
सारधा के पैसे से सांसद का ऑपरेशन
कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले से तृणमूल नेताओं का नाम जुड़ते जा रहा है. आरोप लगा है कि सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन ने तृणमूल के एक सांसद के ऑपरेशन का खर्च वहन किया था. इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने दक्षिण कोलकाता के एक नामी नर्सिग होम के अधिकारियों को तलब किया है. इडी अधिकारियों को सुदीप्त के बैंक एकाउंट की जांच करने के दौरान पता चला कि इस सांसद के इलाज का खर्च सुदीप्त सेन ने उठाया था. एक वरिष्ठ इडी अधिकारी का कहना है कि सुदीप्त ने इस सांसद के इलाज का खर्च क्यों वहन किया, यह राशि क्यों दी गयी व उस सांसद से सुदीप्त के क्या संबंध हैं, यह जानने के लिए नर्सिग होम के अधिकारी को तलब किया गया है.
झारखंड में गिरफ्तारी का आदेश
रांची. स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने चिटफंड कंपनी (नन बैंकिंग कंपनी) बेसिल इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक मंडल के सभी सदस्यों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. डीजीपी को 13 अक्तूबर तक सभी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. इस कंपनी पर झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में आम लोगों से करोड़ों रुपये वसूल कर फरार हो जाने का आरोप है. स्पीकर ने पुलिस से कंपनी के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी. पुलिस ने बताया कि कंपनी के एक निदेशक की गिरफ्तारी त्रिपुरा से हुई है. स्पीकर ने बताया कि कंपनी ने झारखंड सहित कई राज्यों में कारोबार किया है. गरीबों के पैसे लेनेवाले लोग कोलकाता से जुड़े हैं.बैठक में पुलिस, गृह विभाग, सहित कई विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे. याचिका समिति की बैठक में नौ मामलों का निष्पादन किया गया.
एमपीएस का निदेशक गिरफ्तार
कोलकाता. जमाकर्ताओं के करोड़ों रुपये हड़पने के आरोप में एमपीएस कंपनी के निदेशक को श्यामल सेन आयोग ने पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कंपनी के निदेशक का नाम प्रमथ नाथ मन्ना है. उसे पूछताछ के बाद हेयर स्ट्रीट थाने के हवाले कर दिया गया. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी बाकुड़ा थाने को दी गयी है. जल्द ही वहां की पुलिस की टीम प्रमथ को अपने गिरफ्त में लेगी. सूत्रों के मुताबिक एमपीएस ग्रीनरी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ बांकुड़ा व लेकटाउन में सैकड़ों शिकायतें जमाकर्ताओं ने दर्ज करायी थीं. इसके बाद प्रमथ को हेयर स्ट्रीट थाने के हवाले कर दिया गया. कुड़ा थाने की पुलिस उसे जल्द गिरफ्तार करेगी.
अब रोजवैली के मुख्य लेखाकार भी तलब : रोजवैली के चेयरमैन गौतम कुंडू को गुरुवार को तलब करने के बाद शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों ने कंपनी के मुख्य लेखाकार राममोहन व एकाउंटेंट तरुण पांडा को तलब किया. उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सॉल्टलेक के सीजीओ कंप्लेक्स में रोजवैली के चेयरमैन गौतम कुंडू तथा कंपनी के प्रबंध निदेशक शुभमय दत्त को तलब किया था और उनसे पूछताछ की थी. गौरतलब है कि इडी ने रोज वैली के 2500 बैंक खाते को जब्त किया है. इनमें रोजवैली के कर्मचारियों के 10,000 खाते शामिल हैं. इससे कर्मचारियों के वेतन को लेकर आशंका पैदा हो गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इडी के अधिकारियों ने कम्युनिकेशन संस्था के संबंध में पूछताछ की.