बांग्लादेश सीमा से राज्य में घुसपैठ करते हैं आतंकवादी

मुंबई में 12 मार्च, 1993 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के चार दिन बाद 16 मार्च को कोलकाता पुलिस मुख्यालय से सटे मकान (267, बीबी गांगुली स्ट्रीट) में बम विस्फोट से यहां आतंकवाद की आहट महसूस की गयी, लेकिन इसे खत्म करने की पहल किसी ने नहीं की. फिर आतंकवादी सरगना फरहान मलिक के शागिर्दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2014 1:50 AM

मुंबई में 12 मार्च, 1993 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के चार दिन बाद 16 मार्च को कोलकाता पुलिस मुख्यालय से सटे मकान (267, बीबी गांगुली स्ट्रीट) में बम विस्फोट से यहां आतंकवाद की आहट महसूस की गयी, लेकिन इसे खत्म करने की पहल किसी ने नहीं की. फिर आतंकवादी सरगना फरहान मलिक के शागिर्दो ने 22 जनवरी, 2002 को प्रदेश में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला किया. कोलकाता स्थित अमेरिकन सेंटर पर. देश में कहीं भी आतंकी वारदात हो, इसके तार कोलकाता से जरूर जुड़े. बर्दवान के खगड़ागढ़ विस्फोट के मुख्य अभियुक्त के तार भी राजनीतिक लोगों से जुड़े हैं. आखिर कैसे पश्चिम बंगाल आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगाह बन गया. पढ़िए, इसके कारणों की पड़ताल करती ‘आतंकियों की शरणस्थली’ श्रृंखला की पहली कड़ी.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जो आतंकवादी सक्रिय हैं, उनमें से अधिकतर बांग्लादेश से घुसपैठ कर यहां पहुंचे हैं. बर्दवान के खगड़ागढ़ विस्फोट कांड का मुख्य आरोपी दिवंगत शकील अहमद भी. वह वर्ष 2007 में भारत आया. मुर्शिदाबाद, नदिया में कुछ दिन रहने के बाद बर्दवान में जम गया. यहां खगड़ागढ़, बाबरगढ़ और बादशाही रोड में अपना ठिकाना बना लिया.

सवाल है कि आतंकी संगठनों से जुड़े लोग पश्चिम बंगाल को ही ठिकाना क्यों बना रहे हैं. इसका एकमात्र जवाब है राजनीतिक संरक्षण. दरअसल, 26/11 के बाद सुरक्षा बलों ने पश्चिमी सीमा पर निगरानी कड़ी कर दी. बांग्लादेश सरकार ने भी अपने देश में कट्टरपंथी ताकतों से सख्ती से निबटना शुरू किया, तो लोगों ने पश्चिम बंगाल में शरण ली. यहां उन्हें राजनीतिक संरक्षण के साथ भारतीय नागरिकता भी मिल जाती है, बड़ी आसानी से. बताते हैं कि शकील के पहचान पत्र और पैन कार्ड एक माकपा नेता की अनुशंसा पर बने थे.

बाद में उसने स्थानीय निवासी रफीकुल से दोस्ती और उसकी मौसेरी बहन रूमी से शादी कर ली. फिर रूमी को मंगलकोट के सिमुलिया स्थित खारिजी मदरसा में प्रशिक्षण दिलाया और आतंकी गतिविधियों में शामिल कर लिया. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2013 में 2,815 लोगों ने बांग्लादेश से घुसपैठ की. लेकिन, घुसपैठियों की वास्तविक संख्या लाख में है. घुसपैठ के कारण सीमावर्ती इलाकों में जनसंख्या घनत्व तो बढ़ा ही है, गैर पंजीकृत मदरसे भी बढ़े हैं. ये जिहादी शिक्षा का केंद्र बन गये हैं.

धमाके की जांच:मामला कोलकाता स्थानांतरित करने का निर्देश

बर्दवान/पानागढ़:बर्दवान विस्फोट की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने शनिवार को स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाकर मामले को कोलकाता की अदालत में स्थानांतरित करने की अपील की.मामले के जांच अधिकारी और एनआइए के उपाधीक्षक कंचन मित्र ने यहां सीजेएम की अदालत में आवेदन देकर मामले को कोलकाता के नगर सत्र अदालत में स्थानांतरित करने की अपील की. एनआइए ने मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सौंपने के लिए भी आवेदन दिया. कार्यवाहक जिला न्यायाधीश सुरेश बिश्वकर्मा ने कार्यवाहक सीजेएम पायल बंदोपाध्याय को निर्देश दिया कि कोलकाता की अदालत को मामला स्थानांतरित किया जाये और विशेष संदेशवाहक के जरिये दस्तावेजों को कोलकाता की अदालत में भेजा जाये. उन्होंने सीआइडी को निर्देश दिया कि गिरफ्तार चारों लोगों को 13 अक्तूबर को कोलकाता की अदालत में पेश किया जाये. एनआइए ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जिसमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराएं शामिल हैं.

विस्फोट स्थल का किया निरीक्षण, ली तसवीरें

शनिवार को धमाके की जांच के सिलसिले में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम बर्दवान पहुंची. पांच सदस्यीय टीम ने विस्फोट स्थल का निरीक्षण किया. टीम के साथ इस दौरान सीआइडी जांच अधिकारी, बर्दवान पुलिस अधीक्षक एसएचएम मिर्जा आदि भी उपस्थित थे. 10-15 मिनट तक यहां जांच के बाद टीम संदिग्ध आतंकियों के अन्य ठिकानों पर जांच के लिये गयी. इस दौरान मकान एवं उसके बाहर की कई तसवीरें ली गयीं. बाद में टीम बर्दवान पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची एवं विस्फोट कांड से जुड़े तथ्य संग्रहित किये. यहां सीआइडी जांच टीम के डीआइजी भी मौजूद थे. बैठक के बाद टीम विस्फोट स्थल की जांच के लिये रवाना हो गयी.

आतंकियों का एक और ठिकाना मिला

सीआइडी ने इधर आतंकियों का एक और ठिकाना खोज निकाला है. शहर के हटुदीवान पीरतला में स्थित संदिग्ध आतंकियों के एक ठिकाने को तड़के सील कर दिया गया. मकान मालिक मनोवर शेख ने पुलिस को बताया कि कपड़ा व्यवसायी बताकर किर्णाहार के निवासी शेख तालेब ने पांच हजार रुपये में तीन कमरे किराये पर लिये थे. यहां दो दंपती रहते थे. महिलाएं हमेशा बुर्के में रहती थीं. पुरुष सदस्य सुबह बाइक लेकर निकलते थे और फिर शाम को लौटते थे. उन्होंने बताया कि दो अक्तूबर के दिन विस्फोट की घटना के बाद किराये पर रहने वाला शेख तालेब अपने तीन साथियों के साथ फरार हो गया. उसने बताया था कि बकरीद पर वह घर जा रहा है, पर्व बीतने के बाद वह लौटेगा. मामले की तहकीकात की जा रही है.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के बाद संदिग्ध आतंकियों ने बर्दवान, मंगलकोट, पूर्वस्थली आदि 16 जगहों पर अपने ठिकाने बनाये थे. पुलिस समेत एनआइए टीम इन ठिकानों का पता लगायेगी. इन्हें चिन्हित किया गया है.

कादेर के घर की तलाशी

विस्फोट कांड की जांच कर रही सीआइडी टीम ने शनिवार को बीरभूम के किर्णाहार स्थित कादेर के घर से तलाशी के दौरान फाइबर ट्यूबवेल समेत कई तथ्य बरामद किये हैं. मृतक शकील अहमद के मुर्शिदाबाद बेलडांगा स्थित घर से तलाशी में रेडियों, ट्रांसमीटर, बम बनाने के मसाले, पुस्तिका तथा अन्य संदेहास्पद सामग्रियां बरामद हुई हैं. एक डायरी भी मिली है, जिससे कई फोन नंबर व तथ्य उपलब्ध हो सकते हैं. संदिग्ध आतंकी अबुल कलाम का ससुराल पूर्वस्थली के विलकश में है. पुलिस पूछताछ कर रही है. सिमुलिया मदरसा में प्रशिक्षण दे रहे यूसुफ और उसकी पत्नी आयसा की भी तलाश जारी है. यूसुफ का स्केच जारी किया गया है.

क्या है मामला

बर्दवान के खगड़ागढ़ में दो अक्तूबर को किराये के मकान में हुए विस्फोट में संदिग्ध आतंकी शकील अहमद और सुभान मंडल की मौत हो गयी, हसन साहेब जख्मी हो गया. माना जा रहा है कि मारे गये संदिग्ध आतंकी जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के सदस्य थे. मामले की जांच एनआइए की कोलकाता शाखा कर रही है.

विस्फोटक बरामद

आद्रा/नितुरिया. पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर पुलिस ने शनिवार सुबह शहर के पास टाटा सूमो से 1100 डेटोनेटर एवं 2797 जिलेटिन छड़ें बरामद कीं. बोड़ोबाजार के वाहन चालक शेख शहाबुल एवं परेश मोदी को गिरफ्तार किया गया है. एसपी नीलकंठ सुधीर कुमार ने बताया कि रघुनाथपुर के रायडी गांव से विस्फोटक बोड़ोबाजार के राजेश सिंह और चंदन सिंह के पास भेजा जा रहा था. इनके पत्थर के खदान है. मामले में दो को गिरफ्तार किया गया है. इएसए 3/4 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इतनी बड़ी संख्या में विस्फोटक कहां भेजा जा रहा था, इसकी छानबीन चल रही है. उल्लेखनीय है कि बोड़ोबाजार इलाका माओवादी प्रभावित है. इसके साथ बर्दवान विस्फोट कांड के तार जुड़े हैं या नहीं पुलिस इसकी छानबीन कर रही है. रविवार को दोनो आरोपियों को अदालत में पेश किया जायेगा. पुलिस वाहन मालिक की तलाश में जुटी है.

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