24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राज्य में 169 कारखाने बंद, साढ़े 21 लाख मजदूर बाहर कर रहे हैं काम

श्रम मंत्री मलय घटक ने कहा कि वर्ष 2022-23 में राज्य में कुल 171 कारखाने बंद थे. 2023-2024 में कुल 169 कारखाने बंद हैं. प्रवासी मजदूरों को लेकर मंत्री ने कहा कि बंगाल से 21 लाख 59 हजार 737 प्रवासी मजदूर हैं.

विधानसभा. विधायक नौशाद के सवाल पर श्रम मंत्री मलय घटक का जवाब

संवाददाता, कोलकाता राज्य में हाल ही में ब्रिटानिया कारखाने के बंद होने पर कई सवाल उठे थे. ट्रेनों से बाहर जानेवाले प्रवासी श्रमिकों की भीड़ भी कुछ अलग कहानी बयां कर रही है. शुक्रवार को विधानसभा में भी इसे लेकर सवाल उठा. प्रश्नकाल में आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दिकी ने सवाल कि राज्य में कितने कारखाने बंद हैं और कितने श्रमिक दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं?

इसके जवाब में श्रम मंत्री मलय घटक ने कहा कि वर्ष 2022-23 में राज्य में कुल 171 कारखाने बंद थे. 2023-2024 में कुल 169 कारखाने बंद हैं. प्रवासी मजदूरों को लेकर मंत्री ने कहा कि बंगाल से 21 लाख 59 हजार 737 प्रवासी मजदूर हैं. इसमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं. इनमें से तीन लाख 65 हजार 123 मजदूर केरल के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं. बंगाल से सबसे ज्यादा तीन लाख 66 हजार 431 मजदूर महाराष्ट्र में हैं. मंत्री ने कहा कि बंगाल के मजदूर सबसे अधिक कुशल हैं. इसलिए दक्षिण सहित देश के अन्य राज्यों में उनकी हमेशा मांग रहती है. दूसरे राज्यों के बंगाल में करीब एक करोड़ प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. उन्होंने दावा किया कि बंगाल से गये प्रवासी श्रमिकों की तुलना में यह पांच गुणा से अधिक है. इनमें सबसे ज्यादा बिहार व यूपी के श्रमिक शामिल हैं. मंत्री ने कहा कि जो कारखाने बंद पड़े हैं, वे वाम जमाने में ही बंद हो गये थे. इन्हें खुलवाने के लिए वह हर महीने कारखाना प्रबंधक के साथ बैठक कर रहे हैं.

श्रम मंत्री का जवाब हास्यास्पद

उधर, नौशाद सिद्दिकी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर आंकड़ा एक साल का है. हाल के वर्षों का आंकड़ा सरकार नहीं दे रही है. वहीं, भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने श्रम मंत्री के जवाब को हास्यास्पद बताया. उन्होंने कहा कि बंद कारखाने व प्रवासी मजदूर के जो आंकड़े मंत्री दे रहे हैं, वह हकीकत से कोसों दूर है. यह बताने की कोशिश की जा रही है कि तृणमूल सरकार के आने के बाद कारखाने बंद होने के मामलों में कमी आयी है. लेकिन सच्चाई यह यह है कि बंगाल में कोई नया कारखाना नहीं लगा. जो कारखाने हैं, वह भी बंद हो रहे हैं. पहले तो सरकार प्रवासी मजदूरों की संख्या नहीं बता रही थी. अब बता रही है. लेकिन बताये गये आंकड़ों से अधिक संख्या में बगाल के लोग दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हुए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें