कोलकाता: जमात-ए-इसलामी हिंद ने आरोप लगाया है कि देश में हिंदू-मुसलिमों के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश की जा रही है. यह चिंता का विषय है. जमात-ए-इसलामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व इसलामी विद्वान मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने यहां कहा कि इन दिनों देश की हालत काफी गंभीर है.
पश्चिम बंगाल की हालत तो बेहद विस्फोटक है. कुछ ताकतें हिंदू-मुसलिमों में दूरी लाने का प्रयास कर रही हैं. भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां भावना बरकरार रहे, इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा. अगर कोई गलत काम करता है, तो पहले उसे साबित किया जाये. उसके बाद उसे कानून के अनुसार सजा दी जाये. पर किसी गलत काम के लिए पूरे समुदाय को बदनाम करना उचित नहीं है.
जमात-ए-इसलामी हिंद के अमीर ने कहा कि बर्दवान विस्फोट कांड दुखद है. एक भी मुसलमान व मुसलिम संगठन ने इसका समर्थन नहीं किया है. सभी ने निंदा की है. यह काम किसने किया है, यह देखना सरकार व केंद्रीय जांच एजेंसियों का काम है. जांच के बाद कसूरवारों को सख्त से सख्त सजा हो. मौलाना उमरी ने कहा कि अगर एक मुसलमान कोई गलत काम करता है तो पूरे मुसलिम समुदाय को उससे जोड़ना गलत है.
मौलाना उमरी ने कहा कि वाम मोरचा सरकार के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस सरकार मुसलिमों के हित में थोड़ा बेहतर काम कर रही है, पर हमें इस सरकार से और भी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले जो वादे किये थे, प्रधानमंत्री बनने के बाद एक भी वादा पूरा नहीं किया है. देश में शिक्षा का भगवाकरण करने का प्रयास किया जा रहा है. किसी पर अपनी नीति व विचार को जबरदस्ती थोपना गलत बात और संविधान के खिलाफ है. प्रदेश जमात-ए-इसलामी के अध्यक्ष नुरुद्दीन ने कहा कि इमाम व मुअज्जीन को भत्ता देना और मुसलिम छात्रओं को साइकिल देने की सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य में सांप्रदायिकता बढ़ी है और मुसलिम समुदाय निशाने पर आ गया है.