केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से दायर की गयी चार्जशीट में किया गया दावा
संवाददाता, कोलकाताराज्य में नगरपालिका नियुक्ति घोटाले की जांच कर रहे केंद्रिय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने इस मामले में अलीपुर कोर्ट की स्पेशल सीबीआइ अदालत में चार्जशीट पेश की है. इसमें सीबीआइ ने दावा किया है कि राज्य की 17 नगरपालिकाओं में करीब 1850 नियुक्तियां अवैध तरीके से की गयी हैं. ये सभी नियुक्तियां वर्ष 2014 के बाद एबीएस इंफोजेन प्राइवेट लिमिटेड नामक आउटसोर्स एजेंसी के जरिये की गयी थीं, जो प्रमोटर अयन शील के स्वामित्व में है. शील शिक्षक नियुक्ति घोटाले में पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है.25 बैंक खातों से किया गया अवैध लेनदेन
जांच में पता चला कि कई नगरपालिकाओं में नकदी के बदले विभिन्न पदों के लिए नियुक्तियां की गयी थीं. इनमें चिकित्सा अधिकारी, वार्ड मास्टर, क्लर्क, ड्राइवर, हेल्पर और सफाई सहायक शामिल थे. हाल ही में सीबीआइ ने अपनी जांच के दौरान कम से कम 25 बैंक खातों का पता लगाया है, जो तीसरे पक्ष के नाम पर खोले गये थे और इनका उपयोग मामले से संबंधित अवैध धन के ले-देन के लिए किया गया था. खातों में जमा के कुछ ही घंटों बाद ये राशि डेबिट कर दी गयी. चार्जशीट में दक्षिण दमदम नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन पाचू राय और प्रमोटर अयन शील के भी नाम हैं. चार्जशीट में कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान एक ही दिन में दक्षिण दमदम नगरपालिका में करीब 29 लोगों की नियुक्तियों का भी उल्लेख किया गया है. यह नियुक्तियां सीबीआइ की जांच के दायरे में है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है