भाजपा को रोकने की कवायद, ममता कांग्रेस-माकपा से हाथ मिलाने को तैयार

नयी दिल्ली/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को थामने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस और माकपा से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने सोमवार को ऐसा संकेत दिया. ममता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2014 2:45 AM

नयी दिल्ली/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को थामने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस और माकपा से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने सोमवार को ऐसा संकेत दिया. ममता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में शिरकत कीं.

उन्होंने सोनिया व माकपा महासचिव प्रकाश करात के साथ बातचीत की. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वह देश में सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष दलों का महाजोट (महागंठबंधन) बनाने का प्रयास करेंगी. इसके लिए जरूरत पड़ी तो वह माकपा के साथ भी हाथ मिलाने को तैयार हैं. जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों के अंदर जनता दल यूनाइटेड के नेता शरद यादव भी कोलकाता आयेंगे और वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करेंगे. ममता के कांग्रेस व माकपा के साथ बढ़ती नजदीकियों से राज्य के राजनीतिक माहौल में बदलाव आने की संभावना देखी जा रही है.

इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने शहीद दिवस के दिन माकपा को तृणमूल कांग्रेस के साथ मिल कर काम करने की सलाह दी थी. उनकी इस सलाह से तृणमूल कांग्रेस और माकपा दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में हलचल मच गयी थी. मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक में भी भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है. माना जा रहा है कि 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले ममता कांग्रेस व माकपा को अपने साथ रखना चाहती हैं. राज्य में भाजपा के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर 2016 का विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

आडवाणी से मिलने उनके घर पहुंचीं ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नयी दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से उनके घर जा कर मुलाकात की. आडवाणी और ममता बनर्जी की इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलके में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. दोनों नेताओं में 10-15 मिनट की बातचीत हुई. आडवाणी से मिलने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने कई कार्यक्रमों में फेरबदल किया. बैठक का ब्योरा नहीं मिल सका है. हालांकि इस बैठक को तृणमूल कांग्रेस की ओर से सामान्य शिष्टाचार बताया गया है.

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