आसनसोल. गुरुवार शाम से शुक्रवार शाम तक 24 घंटे में शिल्पांचल में हुई 201.2 एमएम बारिश ने पूरे प्रशासन को हिला दिया. जिलाधिकारी ने खुद कंट्रोल रूम के बैठकर पूरे जिले का जायजा लिया. आसनसोल नगर निगम के मेयर, उपमेयर, आयुक्त सहित नगर निगम की पूरी टीम लोगों को राहत पहुंचाने के कार्य में जुटी हुई है. आसनसोल रेलपार इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. गारुई नदी का विकराल रूप लोगों को एकबार पुनः देखने को मिला. सिविल डिफेंस की टीम ने पानी में फंसे सैकड़ों लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया. नगर निगम इलाके में विभिन्न स्कूलों, सामुदायिक भवनों, मैरेज हॉलों में कुल 25 राहत शिविर बनाये गये हैं. खबर लिखे जाने तक 1752 लोगों को उनमें लाया गया था. जरूरत के आधार पर और भी शिविर खोलने के लिए प्रशासन तैयार है. जल निकासी के लिए जगह-जगह पंप लगाये गये हैं. रेलपार इलाके में सभी पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है. सतर्कता के लिए पुलिस लगातार माइकिंग कर रही है और कुछ पुलों को सुरक्षा के मद्देनजर बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया. नगर निगम के हर बोरो में 15 सदस्यों की एक-एक एक्सपर्ट टीम तैनात की गयी है. नगर निगम कार्यालय के साथ हर बोरो कार्यालय में 24×7 कंट्रोल रूम है. जिलाधिकारी कार्यालय, सदर महकमा शासक कार्यालय और सभी आठ प्रखंड कार्यालयों में भी कंट्रोल रूम खोले गये हैं. सिंचाई विभाग, बिजली विभाग, दमकल विभाग सहित अनेकों विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है. जिला के सारे वरिष्ठ अधिकारी नियमित कंट्रोल रूम से जुड़े हुए हैं. इस बारिश ने आसनसोल शहर में निकासी व्यवस्था की स्थिति को उजागर कर दिया है. 24 घंटे में 201.2 एमएम बारिश : आसनसोल में स्थित बाढ़ मौसम विज्ञान इकाई में दर्ज आंकड़े के अनुसार गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे से शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे तक 201.2 एमएम बारिश हुई है. इस इकाई में तीन घंटे के अंतराल पर रिपोर्ट ली जाती है. गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे से शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 131.0 एमएम बारिश हुई. सुबह साढ़े आठ से सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक 41.2 एमएम, सुबह साढ़े ग्यारह से दोपहर ढाई बजे तक 26.4 एमएम और दोपहर ढाई बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक 2.6 एमएम बारिश हुई. दोपहर बाद से बारिश का असर थोड़ा कम हुआ है. इकाई के अधिकारी ने बताया कि यह निम्न दबाव और मौसमी बारिश दोनों के मिल जाने से स्थिति बनी है. शनिवार दोपहर के बाद से स्थिति सामान्य हो जायेगी. गारुई और सिंघारन नदी पर अतिक्रमण से इलाके को है खतरा आसनसोल में गारुई और जामुड़िया इलाके में बहनेवाली सिंघारन नदी पर अतिक्रमण के कारण हर बारिश में ही लोगों के जान माल का खतरा बना रहता है. तीन से चार घंटे लगातार बारिश होते ही इन नदियों में उफान चरम पर पहुंच जाता है. सिंघारन नदी को बचाने के लिए प्रशासन ने एक कमेटी भी बनायी थी, लेकिन वह कागजों में ही सिमट कर रह गयी. नदी का भरपूर अतिक्रमण हुआ और इसके रास्ते को ही बदल दिया गया. जिसका असर शुक्रवार को देखने को मिला. नदी के आसपास का पूरा इलाका जलमग्न हो गया. हावड़ा दिल्ली मेन लाइन पर बने रेलवे अंडरब्रिज के कारण आसनसोल में स्थिति भयावह : हावड़ा दिल्ली मेन लाइन पर बने रेलवे के अंडरब्रिज के कारण आसनसोल शहर में थोड़ी से बारिश से ही स्थिति भयावह हो जाती है. एनएच-19 होकर आसनसोल शहर में प्रवेश करने के लिए हावड़ा दिल्ली मेन लाइन को पार करके आना होता है. इसके लिए आसनसोल में भी चार अंडरब्रिज हैं. अपकार गार्डेन के पास पंचमुहा पुल, चांदमारी इलाके में महुवाडांगाल पुल, आसनसोल रेलवे स्टेशन के पास रेलपार ब्रिज, दोमुहानी इलाके में दोमुहानी रेलवे ब्रिज हैं. ये सारे मुख्यमार्ग पर बने पुल हैं. दो घंटे की बारिश में सारे पुल पानी से भर जाते हैं और आसनसोल शहर बाहर से कट जाता है. पुलिस को यहां बैरिकेड लगाना पड़ता है ताकि कोई हादसा न हो जाये. करोड़ो रुपये की लागत से चांदमारी में नया अंडरब्रिज बना. पंचमुहा पुल की मरम्मत हुई लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया. आसनसोल शहर में जलजमाव के लिए नगर निगम के उपमेयर वसीमुल हक ने सारा ठीकरा आसनसोल रेलमंडल पर फोड़ा है. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि जो भी पुल यहां बने हैं वहां लो लेवल पर होने के कारण पानी जमा हो जाता है. साफ सफाई की जाती है ताकि पानी जल्द से जल्द निकल सके.
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