कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 व कोलकाता नगर निगम चुनाव 2015 के पहले भाजपा राजनीतिक रूप से मैदान में कूद पड़ी है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता के विक्टोरिया हाउस में सभा करके अपनी ताकत दिखा दी. अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी बंगाल में सांगठनिक क्षमता व विचारधारा के प्रचार के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी है. बंगाल में अपनी ताकत वृद्धि और शक्ति प्रदर्शन के लिए आरएसएस 20 दिसंबर को शहीद मीनार में सभा करेगी.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाली इस सभा में आरएसएस संघचालक मोहन भागवत, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल वक्तव्य रखेंगे. बर्दवान विस्फोट कांड व सारधा चिटफंड घोटाले के बाद पश्चिम बंगाल में आरएसएस की यह सबसे बड़ी सभा होगी.
आरएसएस के दक्षिण बंगाल के प्रचार प्रमुख डॉ जिष्णु बसु ने प्रभात खबर को बताया कि बर्दवान विस्फोट कांड और सारधा चिटफंड घोटाले के बाद राज्य में राष्ट्रवादी शक्तियों का प्रभाव बढ़ा है. इस सभा में 50 हजार अधिक आरएसएस समर्थकों व कैडरों के उपस्थित रहने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि हाल में राज्य के संसदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्य में आरएसएस के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जतायी थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि आरएसएस के शिविरों में अस्त्र-शस्त्रों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. श्री बसु ने बताया कि इसके पहले आरएसएस की ओर से स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के अवसर पर कल्याणी में तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था. इस शिविर में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही थी तथा इसके बाद से राज्य में आरएसएस का विस्तार भी हुआ है.
लगभग दोगुनी हो गयी है आरएसएस की शाखाओं की संख्या
डॉ बसु ने दावा किया कि पिछले दो वर्षो में आरएसएस की दैनिक शाखाओं की संख्या लगभग दो दोगुनी हो गयी है. 2012 के दिसंबर में बंगाल में आरएसएस शाखाओं की संख्या 820 थी, जो बढ़ कर लगभग 1600 हो गयी है. इनमें दक्षिण बंगाल में लगभग 1090 और उत्तर बंगाल में 850 शाखाएं हैं. साप्ताहिक मिलन की संख्या बढ़ कर 600 हो गयी है, जबकि प्रत्येक माह होने वाली संघ मंडली की संख्या बढ़ कर 3000 हो गयी है.
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में आरएसएस की ओर से दक्षिण बंगाल में एक दिन के शिविर का आयोजन किया गया था. इनमें लगभग 4300 युवाओं ने हिस्सा लिया और महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों का एक शिविर का आयोजन किया गया था. इसमें लगभग 172 शिक्षकों ने हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा कि आरएसएस में शामिल होने के लिए संगठन की ओर से ज्वांइन आरएसएस पोर्टल चलाया जा रहा है. इस पोर्टल में प्रत्येक दिन लगभग 50 से 60 शिक्षित युवा आरएसएस में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं.