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सारधा घोटाले में बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा गिरफ्तार, टीएमसी ने बताया राजनीति से प्रेरित

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को सीबीआई ने आज करोडों रुपए के सारधा चिटफंड घोटाले मेंपूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. मदन मित्रा आज सुबह साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय पूछताछ के लिए पहुंचे थे. उनसे दो चरण में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गयी और चार बजे के […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को सीबीआई ने आज करोडों रुपए के सारधा चिटफंड घोटाले मेंपूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. मदन मित्रा आज सुबह साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय पूछताछ के लिए पहुंचे थे. उनसे दो चरण में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गयी और चार बजे के आसपास गिरफ्तार कर लिया गया.

मित्रा को सारधा रियलिटी से जुडे एक मामले में गिरफ्तार किया गया. उनपर आपराधिक साजिश, धन की अनियमितता के साथ ही सारधा समूह से गैरवाजिब वित्तीय लाभ लेने के आरोप लगाए गए हैं. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी.

पश्चिम बंगाल सरकार ने मदन मित्रा की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की है. राज्य सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि ऐसा करके भाजपा बदले की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार करने से पहले राज्य सरकार और विधानसभा अध्यक्ष को अंधेरे में कैसे रखा जा सकता है.
सीबीआई ने सुदीप्त सेन औरसारधासमूह के कानूनी सलाहकर नरेश बलोडिया को इसी मामले में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधडी और धन की अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया. बलोडिया ने उस पत्र का मसौदा तैयार किया था, जिसे सुदीप्त सेन ने सीबीआई को भेजा.

सारधा घोटाला मामले में पहली बार ममता सरकार के किसी मंत्री की गिरफ्तारी हुई है. इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद श्रृंजय बोस की गिरफ्तारी पिछले माह हुई थी. सबसे पहले इस मामले में तृणमूल कांग्रेस केसांसद कुणाल घोष की गिरफ्तारी हुई थी.

गौरतलब है कि मदन मित्रा ने पिछले माह यह आशंका जतायी थी कि उनसे सीबीआई पूछताछकर सकती है.उन्होंने कहाथा कि मैं बीमार हूं, लेकिन सीबीआई मुझसे पूछताछ कर सकती है. परिवहन मंत्री ने इस बात को दोहराया था कि उनका इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है.

श्रृंजय बोस की गिरफ्तारी के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी आक्रोशित गयी थीं और उन्होंने केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वह बदले की भावना से काम कर रही है. यहां तक कि ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को यह चुनौती भी दी थी कि अगर उसमें हिम्मत है, तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाये.

गौरतलब है कि जब से प्रदेश में सारधा घोटाले का खुलासा हुआ है, ममता सरकार घिरती जा रही है, हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने घोटाले को उजागर करवाया है और उन पर ही अंगुली उठायी जा रही है.

उधर, भाजपा नेता सिद्धार्थ सिंह ने मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद कहा कि सीबीआइ से बहुत दिनों से मित्रा बच रहे थे, लेकिन अंत में वे उसकी गिरफ्त में आ गये.

सिंह ने कहा कि मित्र की गिरफ्तारी तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के लिए एक बड़ा झटका है. उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या ममता थोड़ी नैतिकता दिखायेंगी और अपना पद छोड़ेंगी?

कुणाल घोष की न्यायिक हिरासत बढाई गई

कोलकाता: इधर एक अन्य घटनाक्रम में कोलकाता की एक अदालत ने सारधा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष, कंपनी के प्रमुख सुदीप्त सेन और उसकी सहायक देबजानी मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक आज बढा दी.

सत्र न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने सीबीआई की प्रार्थना पर घोष, सेन और मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढाने का निर्देश दिया. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है.

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