उच्च माध्यमिक की मेधा सूची में तीन नये विद्यार्थियों के नाम जुड़े

उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद द्वारा पीपीएस और पीपीआर के नतीजे घोषित करने के बाद मेरिट सूची में तीन नये नाम जुड़ गये हैं. इनमें सोहम साहा, प्रांजन घोष और सात्यकि सिन्हा शामिल हैं. सोहम साहा कूचबिहार के माथाभांगा हाइस्कूल का छात्र है. उच्च माध्यमिक के नतीजे घोषित होने के बाद देखा गया कि उसे 482 अंक मिले हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2024 11:05 PM

उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद द्वारा पीपीएस और पीपीआर के नतीजे घोषित करने के बाद मेरिट सूची में तीन नये नाम जुड़ गये हैं. इनमें सोहम साहा, प्रांजन घोष और सात्यकि सिन्हा शामिल हैं. सोहम साहा कूचबिहार के माथाभांगा हाइस्कूल का छात्र है. उच्च माध्यमिक के नतीजे घोषित होने के बाद देखा गया कि उसे 482 अंक मिले हैं. बाद में समीक्षा करवाने के बाद उसके स्कोर में सात अंक बढ़ गये. उसका वर्तमान स्कोर 489 है. ऐसे में नंबर बढ़ते-बढ़ते वह आठवें स्थान पर पहुंच गया. वहीं, प्रांजन घोष बांकुड़ा के बिष्णुपुर हाइस्कूल का छात्र है. हायर सेकेंडरी का रिजल्ट घोषित होने के बाद उसे 484 अंक मिले. लेकिन रिव्यू करने के बाद उसके चार और बढ़ गये. इस तरह वह मेधा सूची में नौवें स्थान पर आ गया. वहीं, मालदा के एसी इंस्टीट्यूशन के सात्यकि सिन्हा के रैंक में एक अंक का इजाफा हुआ है. पहले उसे 486 अंक मिले थे, जो बढ़कर 487 हो गये. इस तरह वह 10वें स्थान पर पहुंच गया. तीन नये छात्र क्रमशः आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर हैं. अब उच्च माध्यमिक में कुल 73 लोगों को टॉप टेन की सूची में जगह मिली है. इतना ही नहीं, समीक्षा के बाद कई के अंक 30 से बढ़ कर 60 हो गये. ध्यान रहे कि हायर सेकेंडरी का रिजल्ट गत आठ मई को जारी किया गया था. उस समय, 58 परीक्षार्थियों ने टॉप 10 की सूची में जगह बनायी थी. तत्काल समीक्षा, जांच के बाद नतीजे जारी किये गये. इसमें 12 और लोगों को मेरिट लिस्ट में रखा गया. उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद सूत्रों ने जानकारी दी कि कुल 26 हजार 468 अभ्यर्थियों ने समीक्षा व स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया था. ऐसे में 13,589 विषयों में नंबर संशोधित किये गये हैं. हालांकि सामान्य समीक्षा जांच में जिस तरह से अंक बदले गये, उस पर सवाल उठ रहे हैं. शिक्षक संगठनों का कहना है कि इसमें काउंसिल की ओर से पहले सतर्कता क्यों नहीं बरती गयी. यह भी बताया गया कि एक छात्र को 62 अंक मिले, लेकिन इसे उलट कर 26 कर दिया गया. इस बारे में काउंसिल के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि संख्या में मामूली बढ़ोतरी असामान्य नहीं है. यह हो सकता था, लेकिन, कुछ विषयों में ऐसा देखा जाता है कि अंक 50 से 60 अंक तक बढ़ जाते हैं. यह असामान्य है. उस स्थिति में, मुख्य परीक्षक, परीक्षकों के पास एक जायज कारण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद काउंसिल आवश्यक सुधारात्मक कदम उठायेगी.

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