परिवारों में घरेलू कामकाज के असमान तरीके से विभाजन के बारे में एरियल इंडिया द्वारा की गयी समीक्षा में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. इनमें सिर्फ 27 फीसदी महिलाओं ने ही माना है कि उत्सव के दौरान उनके पति घरेलू कामकाज में उनका हाथ बंटाते हैं. 2014 में किये गये सर्वे में पता चला था कि 79% पुरुषों का ऐसा लगता था कि घरेलू कामकाज सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है. हालांकि अब यह संख्या लगातार घट कर 41% हो गयी है.
यह आंकड़ा दर्शाता है कि आज के दौर के पुरुष बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अपनी ओर से हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, साथ ही वे रोजमर्रा के कामकाज में हाथ बंटाते हुए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं. लेकिन इस बात को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है कि उत्सव के दौरान कपड़े धोने, घर की साफ-सफाई या खाना पकाने जैसे घरेलू काम काफी बढ़ जाते हैं. इस तरह के काम का बोझ सभी पर एक-समान नहीं होता है.
एक तीसरे पक्ष द्वारा स्वतंत्र रूप से किये गये एक नये अध्ययन के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं, जिसके अनुसार केवल 27% महिलाएं मानती हैं कि ऐसे मौकों पर उनके पति घरेलू कामकाज में उनका हाथ बंटाते हैं. इसके चलते महिलाओं को उत्सव में समान रूप से भाग लेने से का मौका नहीं मिलता है. इस संबंध में शरत वर्मा, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, पीएंडजी इंडिया और वाइस प्रेसिडेंट, फैब्रिक केयर, पीएंडजी इंडिया ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, एरियल ने अपने अभियानों के जरिये अनजाने में हो रहे भेदभाव और इस तरह की मानसिकता को उजागर किया है, जो सभी के लिए एक-समान बनाने की राह में बाधक हैं.