जांच के लिए सरकार ने रखी शर्त

कोलकाता: नंदीग्राम गोलीकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर असहयोगिता का आरोप लगाया.उनके मुताबिक सीबीआइ ने इस मामले की जांच के लिए पांच आइपीएस अधिकारियों से पूछताछ के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2013 8:18 AM

कोलकाता: नंदीग्राम गोलीकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर असहयोगिता का आरोप लगाया.उनके मुताबिक सीबीआइ ने इस मामले की जांच के लिए पांच आइपीएस अधिकारियों से पूछताछ के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. सरकार ने अनुमति देने से पहले कई शर्ते रखी हैं, जिसे स्वीकार करना संभव नहीं है.

सीबीआइ
पक्ष के वकील ने बताया कि राज्य सरकार पूरे मामले की जांच करने की बजाय किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ जांच करने का प्रस्ताव दे रही है. नंदीग्राम गोलीकांड में किसी एक व्यक्ति की भूमिका नहीं थी और किसी भी घटना में किसी एक व्यक्ति के खिलाफ जांच नहीं की जा सकती. मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच जरूरी होती है, तभी घटना के बारे में पूर्ण जानकारी मिल पाती है. उन्होंने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.

गौरतलब है कि नंदीग्राम गोलीकांड के दिन दो आइपीएस अधिकारी सत्यजीत बंद्योपाध्याय देवाशीष बोराल नंदीग्राम के थाना प्रभारी शेखर राय घटनास्थल पर मौजूद थे, इसलिए सीबीआइ इन अधिकारियों से मामले में पूछताछ करना चाहती है. इसके अलावा सीबीआइ ने इस मामले में तीन अन्य आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करने की मांग की है. इनमें तत्कालीन राज्य के आइजी (पश्चिम रेंज) अरुण कुमार, डीआइजी (मेदिनीपुर रेंज) एनआर बाबू, पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक जी श्रीनिवासन का नाम शामिल है. इसके अलावा पूर्व मेदिनीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी अनूप अग्रवाल पांच अन्य अधिकारियों को जुर्माना देने का प्रस्ताव दिया है.

Next Article

Exit mobile version