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सारधा केसः मदन मित्रा की जमानत याचिका खारिज, कुणाल घोष की जेल हिरासत 25 फरवरी तक बढ़ी

-अजय विद्यार्थी- कोलकाताः सारधा मामले में परिवहन मंत्री मदन मित्रा की जमानत याचिका अलीपुर अदालत ने खारिज कर दिया. अलीपुर अदालत में बुधवार को लगभग दो घंटे तक बहस चली. उसके बाद न्यायाधीश समरेश प्रसाद चौधरी ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. एक अन्य घटना मेंबैंकशाल अदालत के न्यायाधीश वरुण राय ने सारधा टूर […]

-अजय विद्यार्थी-

कोलकाताः सारधा मामले में परिवहन मंत्री मदन मित्रा की जमानत याचिका अलीपुर अदालत ने खारिज कर दिया. अलीपुर अदालत में बुधवार को लगभग दो घंटे तक बहस चली. उसके बाद न्यायाधीश समरेश प्रसाद चौधरी ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. एक अन्य घटना मेंबैंकशाल अदालत के न्यायाधीश वरुण राय ने सारधा टूर एवं ट्रेवल्स मामले के आरोपी कुणाल घोष की जमानत याचिका खारिज करते हुए 25 फरवरी तक जेल हिरासत का निर्देश दिया है.

उल्लेखनीय है कि इसके पहले अदालत ने सारधा मामले के ही आरोपी सृंजय बसु की जमानत मंजूर की थी. उसी के आधार पर श्री मित्रा ने जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन सृंजय बसु को धारा 409 के आधार पर जमानत दी गयी थी, लेकिन हाल में अलीपुर जिला अदालत के न्यायाधीश हराधन मुखर्जी ने फिर से धारा 409 शामिल किया था, हालांकि इसे लेकर उन्हें तृणमूल समर्थित वकीलों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.

श्री मित्रा के हिरासत के 60 दिन पूरे हो गये हैं, लेकिन धारा 420 व 406 का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाया, क्योंकि धारा 409 के तहत 75 दिनों तक बिना चाजर्शीट दाखिल किये हिरासत में रह सकते हैं. इसके पहले सीबीआइ के वकील ने श्री मित्रा की जमानत याचिका खारिज करने का आवेदन करते हुए श्री मित्र को मनी मित्रा करार दिया. उन्होंने कहा कि श्री मित्रा ने सारधा के एजेंटों के साथ होने की बात स्वीकार की थी. उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा था कि वह उन लोगों के साथ हैं. वकील ने अदालत के समक्ष उस मीटिंग के कागजात और फोटोग्राफ भी पेश किये.

उन्होंने दावा किया कि श्री मित्रा सारधा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष भी थे. उनको ही देख कर गरीब लोगों ने सारधा में अपने पैसे निवेश किये थे. यह एक अर्थनैतिक अपराध है. इससे समाज व्यवस्था को आघात लगा है. श्री मित्र को प्रभावशाली करार देते हुए सीबीआइ के वकील ने सवाल किया कि परिवहन मंत्री को जमानत मिलने पर जांच प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि सारधा कांड में लाख-लाख गरीब लोगों प्रभावित हुए हैं. इस कारण इस मामले को अदालत अलग दृष्टि से देखे.

मीडिया पर फिर बिफरे मदन

सारधा मामले के आरोपी परिवहन मंत्री मदन मित्र फिर संवाददाताओं पर बिफरे. बुधवार को श्री मित्र को अलीपुर अदालत में पेश किया गया, लेकिन अदालत में श्री मित्र ने अस्वस्थता की शिकायत की. उसके बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले लाया गया. एसएसकेएम अस्पताल में संवाददाताओं ने श्री मित्र से पूछा कि वह कैसे हैं. इससे गुस्साये श्री मित्र ने कैमरा को पीछे ढकेल दिया और खिड़की का गेट बंद कर दिया.

कुणाल घोष की जेल हिरासत 25 फरवरी तक बढ़ी

बैंकशाल अदालत के न्यायाधीश वरुण राय ने सारधा टूर एवं ट्रेवल्स मामले के आरोपी कुणाल घोष की जमानत याचिका खारिज करते हुए 25 फरवरी तक जेल हिरासत का निर्देश दिया है. इसके पहले अदालत में पेश किये जाने के दौरान श्री बोस ने दावा किया कि यदि सृंजय बोस को धारा 409 के आधार पर जमानत मिल सकती है, तो उन्हें यह सुविधा क्यों नहीं मिले.

सभी के लिए एक ही समान कानून होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह 90 दिनों से अधिक समय से जेल हिरासत में हैं. उन्होंने सीबीआइ के साथ सदा ही सहयोग किया है. जेल हिरासत में रहने के दौरान सीबीआइ को हर तरह का प्रमाणपत्र व कागजात दिये हैं. सारधा मामले में देखा जा रहा है कि प्रभावशाली भी बाहर हैं और मामले को प्रभावित कर रहे हैं. वह अभी भी सांसद हैं. वह कहीं भी नहीं जायेंगे.

उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर भी बाहर से लोग मामले को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. न्यायाधीश को भी प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. वह डेढ़ वर्ष से हिरासत में हैं. सीबीआइ से सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच में उन पर रुपये उगाहने का कोई प्रमाण नहीं है. वह केवल नौकरी कर रहे थे. वह खुद ही अदालत में सवाल किया.

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