बुधवार के बाद महानगर की परिवहन व्यवस्था सामान्य होने के आसार
कोलकाता.लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के चुनाव के तहत महानगर में भी शनिवार को मतदान होने वाला है. राज्य में शनिवार को नौ सीटों कोलकाता उत्तर, कोलकाता दक्षिण, जादवपुर, डायमंड हार्बर, बशीरहाट, दमदम, बारासात, जयनगर और मथुरापुर के लिए मतदान होगा. चुनाव संपन्न कराने के लिए मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को मतदान केंद्र पर पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में बसें ली गयी हैं. परिवहन विभाग और आरटीओ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार महानगर और आसपास के जिलों से लगभग 3200 बसों को चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है. इस वक्त हजारों की संख्या में केंद्रीय बलों के जवान भी महानगर में तैनात है. देर रात तक सेंट्रल फोर्स के साथ पुलिसकर्मी महानगर के विभिन्न हिस्सों में नाका चेकिंग कर रहे हैं. परिवहन यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में सड़कों से 65 प्रतिशत से ज्यादा निजी बसें गायब हैं. 29 तारीख के बाद से कोलकाता की सड़कों पर बसों की संख्या अचानक कम हो गयी है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसा लगता है कि यह स्थिति मतगणना के दिन यानी चार जून तक बनी रहेगी. ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के सचिव तपन बनर्जी ने बताया कि लगभग आधी बसों को चुनाव कार्य के लिए ले लिया गया है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी तो होगी ही. श्री बनर्जी कहते हैं कि कम किराये को लेकर बस मालिकों को हो रहे घाटे के कारण भी पहले ही बसों की संख्या कम हो गयी थी. ऊपर से चुनावी ड्यूटी में बसों को लिये जाने के बाद अधिकतर बसें सड़कों से नदारद हो गयी हैं. कई वर्षों से किराया नहीं बढ़ रहा है, इसलिए भी बस मालिक कम बसें सड़कों पर उतार रहे हैं. इसके अलावा एक और कारण हाइकोर्ट के आदेश पर 15 साल पुरानी बसों को सड़कों से हटाना भी है.
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