कोलकाता/हुगली: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी ने कहा कि वह वर्ष 2006 में सिंगूर में टाटा के नैनो परियोजना के लिए जिन किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहित की गयी थी, उनकी मदद के लिए राष्ट्रपति से आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों को कानूनी मदद की भी वे व्यवस्था करेंगे. श्री गांधी मंगलवार को हुगली के सिंगूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों ने उनसे कहा कि अगर वे सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे तो उन्हें मुआवजे के चेक नहीं मिलेंगे. तृणमूल के वर्ष 2008 भूमि आंदोलन के बाद टाटा नैनो परियोजना वर्ष 2008 में यहां से हट गयी थी. इसी आंदोलन को ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने का कारण माना जाता है.
राष्ट्रपति से लगायेंगे गुहार
श्री गांधी ने कहा कि हर किसान की ओर से याचिका दायर करने के अलावा वह उनकी दुर्दशा का समाधान निकालने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगायेंगे. उन्होंने कहा, वह यहां राजनीति करने नहीं आये हैं. वह यहां किसानों की स्थिति जानने के लिए आये हैं. उन्होंने कहा कि कृषि को नुकसान हुआ है, उद्योग नहीं लग रहे हैं बेरोजगारी बढ़ रही है. वह इसके समाधान के लिए किसानों की मांग के साथ राष्ट्रपति से गुहार लगायेंगे.
भुखमरी के शिकार किसान
वहीं, राज्य के भाजपा प्रभारी ने कहा कि वह बाजेमलिया गांव में सैकड़ों किसानों से मिले थे, जिन्होंने उनसे कहा कि वे हकीकत में भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. श्री गांधी ने दावा किया कि वाममोरचा और तृणमूल कांग्रेस ने सिंगूर से राजनीतिक लाभ कमाया है. उनका कहना था कि माकपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही सिंगूर में किसानों की भावनाओं से खेल रही हैं और अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रही है.
किसानों की समस्या से उनका लेना देना नहीं है. श्री गांधी ने वंचित किसानों को सुझाव दिया कि वह अपनी शिकायत अर्जी नये सिरे से तैयार करें. इसके लिए भाजपा कानूनी मदद देगी. उनकी अजिर्यों को राष्ट्रपति भवन ले जाने की कोशिश की जायेगी. वह चाहते हैं कि राष्ट्रपति किसानों की समस्याओं को खुद जानें. वरुण दक्षिण कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन भी गये और उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.