चार मंत्रियों को लगायी फटकार

कोलकाता: राज्य सरकार के चार प्रमुख मंत्रियों के विभाग में विकास कार्यो की धीमी गति से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज हैं और उन्होंने चारों मंत्रियों को उनके विभागीय कार्यो को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. ये चारों विभाग ऐसे हैं, जिन पर राज्य सरकार आर्थिक व सामाजिक रूप से निर्भर है. सूत्रों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2013 7:40 AM

कोलकाता: राज्य सरकार के चार प्रमुख मंत्रियों के विभाग में विकास कार्यो की धीमी गति से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज हैं और उन्होंने चारों मंत्रियों को उनके विभागीय कार्यो को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. ये चारों विभाग ऐसे हैं, जिन पर राज्य सरकार आर्थिक व सामाजिक रूप से निर्भर है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री यहां के शहरी विकास विभाग के कार्यो से खुश नहीं हैं. बेसिक सर्विसेस टू द अर्बन पुअर (बीएसयूपी) के तहत 2000 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, लेकिन अब तक यह राशि खर्च नहीं हो पायी है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर विभागीय मंत्री फिरहाद हकीम को जिम्मेदार ठहराया है.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभागीय मंत्री की अनदेखी की वजह से इस योजना के तहत राशि खर्च नहीं हुई है. शहरी विकास मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री राज्य के पर्यटन मंत्री कृष्णोंदु नारायण चौधरी पर भी जम कर बरसीं. पर्यटन विभाग के लिए राज्य सरकार ने जितनी भी योजनाएं तैयार की हैं, उन पर कार्य नहीं हो रहा है. अभी ज्यादातर योजनाएं सिर्फ कागज तक ही सीमित हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री राज्य की महिला व शिशु विकास विभाग की मंत्री सावित्री मित्र पर भी जम कर बरसीं.

मुख्यमंत्री ने कुछ महीने पहले एक लाख 10 हजार रुपये से कम वार्षिक आय करनेवाले परिवार की लड़कियों के लिए कन्याश्री प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की थी. इसे आगामी एक अक्तूबर से मुख्यमंत्री हर हाल में लागू करना चाहती हैं, लेकिन विभागीय मंत्री की सुस्ती के कारण इस पर तेजी से कार्य नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री ने तय समय सीमा में ही कन्याश्री योजना को लांच करने का निर्देश दिया है.

राज्य के उद्योग व वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को भी मुख्यमंत्री ने योजनाओं का कार्य जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया है. राज्य में नयी सरकार आने के बाद से यहां निवेशकों की संख्या पहले की अपेक्षा कम हुई है. नयी सरकार बनते ही वर्ष 2011 में यहां करीब तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया था, लेकिन वर्ष 2012 व 2013 में निवेशकों की संख्या में काफी गिरावट आयी है. जानकारी के अनुसार, जिलों में राज्य सरकार की योजनाओं के कार्य का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री 10 सिंतबर से एक बार फिर जिलों के दौरे पर जायेंगी.

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