एक सितंबर से दोबारा खुल सकते हैं दार्जीलिंग के स्कूल
दार्जीलिंग : जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने आज कहा कि दार्जीलिंग की पहाड़ियों में स्थित सभी स्कूलों और कॉलेजों को अलग गोरखालैंड के आंदोलन से मुक्त रखा जाएगा और आगामी एक सितंबर से स्कूल यहां दोबारा खुलेंगे. जीजेएम के प्रचार प्रमुख हरा बहादुर छेत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को आंदोलन के दायरे से बाहर रखने […]
दार्जीलिंग : जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने आज कहा कि दार्जीलिंग की पहाड़ियों में स्थित सभी स्कूलों और कॉलेजों को अलग गोरखालैंड के आंदोलन से मुक्त रखा जाएगा और आगामी एक सितंबर से स्कूल यहां दोबारा खुलेंगे.
जीजेएम के प्रचार प्रमुख हरा बहादुर छेत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को आंदोलन के दायरे से बाहर रखने संबंधी फैसले की औपचारिक घोषणा अगले कुछ दिनों में की जाएगी. ये शैक्षणिक संस्थान 29 जुलाई से बंद हैं. दार्जीलिंग, कालिमपोंग और कुर्सियांग उपमंडलों के लगभग 45 स्कूलों में कक्षाएं नियमित रुप से न लगने की वजह से दूसरे शहरों से आए विद्यार्थियों ने एक अगस्त से छात्रवास खाली करने शुरु कर दिए थे.
कालिमपोंग से जीजेएम के विधायक छेत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को आंदोलन के दायरे से बाहर रखने का फैसला अभिभावकों के अनुरोध पर किया गया. उन्होंने अनुरोध किया था कि उनके बच्चों के भविष्य को जोखिम में न डाला जाए. जीजेएम के सूत्रों ने ये संकेत भी दिए कि दफ्तरों को भी आंदोलन के दायरे से बाहर रखा जा सकता है लेकिन इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
इसी बीच दार्जीलिंग की पहाड़ियों के मूल निवासी लेप्चा समुदाय ने आगामी दो सितंबर को यहां आने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना ‘सर्वोच्च सम्मान’ देने की तैयारी शुरु कर दी है. दार्जीलिंग लेप्चा विकास परिषद के सूत्रों ने आज संकेत दिए कि ममता को सिलिगुड़ी के बाघा जतिन उद्यान में सम्मानित किया जाएगा.