2600 करोड़ कर्ज देने का लक्ष्य

कोलकाता: राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित सहकारिता बैंकों के विकास के लिए तृणमूल सरकार ने छह मंत्रियों को लेकर एक मंत्री समूह का गठन किया है, शनिवार को राइटर्स बिल्डिंग में राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र के नेतृत्व में इस मंत्री समूह की पहली बैठक हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2013 6:43 AM

कोलकाता: राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित सहकारिता बैंकों के विकास के लिए तृणमूल सरकार ने छह मंत्रियों को लेकर एक मंत्री समूह का गठन किया है, शनिवार को राइटर्स बिल्डिंग में राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र के नेतृत्व में इस मंत्री समूह की पहली बैठक हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में राज्य के विभिन्न क्षेत्र में स्थित 15 सहकारिता बैंकों को लेकर वित्त मंत्री ने बैठक की. बैठक में इन बैंकों के विकास की योजनाओं को लेकर चर्चा की गयी. इन बैंकों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार कराने का निर्देश दिया गया है, रिपोर्ट के आधार पर ही सहकारिता बैंकों का विकास किया जायेगा.

गौरतलब है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों व सेल्फ हेल्प ग्रुप के विकास के लिए राज्य सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को ऋण देने की योजना बनायी है. वर्ष 2011-12 में बैंक द्वारा 1400 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिये गये थे, वहीं 2012-13 में करीब 2000 करोड़ रुपये लोन के रूप में दिये गये थे. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार ने इन बैंकों के माध्यम से 2600 करोड़ रुपये ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है.

गौरतलब है कि राज्य सरकार के अंतर्गत के सहकारिता बैंकों के कार्यकलाप पर हमेशा ही सवालिया निशान लगता आया है, कई बार इन बैंकों में धोखाधड़ी व धांधली के मामले सामने आये हैं, जिनकी वजह से इन बैंकों का विकास नहीं हो पाया है. सहकारिता बैंकों से अधिक से अधिक आम लोगों को जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.

इस बैठक में वित्त मंत्री के अलावा राज्य के सहकारिता मंत्री शंकर चक्रवर्ती, खाद्य व आपूर्ति मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक, सहकारिता विभाग के परिषदीय सचिव व विभागीय सचिव उपस्थित रहे. गौरतलब है कि सहकारिता बैंकों की आर्थिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इस मंत्री समूह का गठन किया गया है. सहकारिता बैंकों के विकास के लिए यह समूह सुझाव भी देखा और साथ ही इसके कार्यकलापों की भी निगरानी करेगा. बैंक द्वारा दिये गये लोन के अदायगी पर भी यह समूह नजर रखेगा.

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