सरकार ने वापस लिया विधेयक
कोलकाता: चिटफंड कंपनियों के झांसे से निवेशकों को बचाने के लिए लाये गये विधेयक को पश्चिम बंगाल सरकार ने वापस ले लिया है. विधेयक में कुछ खामियों पर केंद्रीय वित्तमंत्रालयकी आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने इसे वापस ले लिया है. फिलहाल यह बिल राष्ट्रपति के पास विचाराधीन था. अब राज्य सरकार इस संबंध में […]
कोलकाता: चिटफंड कंपनियों के झांसे से निवेशकों को बचाने के लिए लाये गये विधेयक को पश्चिम बंगाल सरकार ने वापस ले लिया है. विधेयक में कुछ खामियों पर केंद्रीय वित्तमंत्रालयकी आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने इसे वापस ले लिया है. फिलहाल यह बिल राष्ट्रपति के पास विचाराधीन था. अब राज्य सरकार इस संबंध में नया विधेयक लायेगी.
सारधा चिटफंड घोटाले के बाद राज्य सरकार ने विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिटर्स इन फाइनेंशियल इस्टेबलिशमेंट बिल्स, 2013’ पारित किया था. इस विधेयक पर केंद्रीय वित्त मंत्रलय ने आपत्ति जतायी थी.
उसने तीन बिंदुओं पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था. इनमें विशेष प्राधिकृत अदालत की शक्ति बढ़ाने की बात भी शामिल था. इसमें निवेशकों को धोखा देने वाली संस्था, प्रमोटर, पार्टनर, निदेशक, प्रबंधक व सदस्य, कर्मचरी व अन्य की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान था. इस विधेयक में जांच के लिए संस्थान में प्रवेश करने का भी अधिकार दिया गया था.
यह विधेयक सारधा कांड के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर 30 अप्रैल को पारित कर मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. इससे पहले वाममोरचा सरकार ने 2003 में विधेयक पेश किया था, लेकिन उसे राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिली थी हालांकि पूर्व सरकार ने विधेयक वापस नहीं लिया था और केंद्र सरकार ने विधेयक को 2006 में वापस कर दिया था. बाद में पूर्व सरकार इसी विषय पर 2008 में नया विधेयक पेश किया था. उस विधेयक को भी राष्ट्रपति की अनुमति नहीं मिली थी. हालांकि वर्तमान सरकार की ओर से पेश किये गये विधेयक में निवेशकों को धोखा देने वाली संस्था, प्रमोटर, पार्टनर, निदेशक, प्रबंधक व सदस्य, कर्मचरी व अन्य की संपत्ति जब्त करना शामिल है. इस विधेयक में जांच के लिए संस्थान में प्रवेश करने का भी अधिकार दिया गया था.