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चार साल बाद माओवादी जंगलमहल में फिर से एकजुट होने की कोशिश में

कोलकाता : खुफिया रिपोर्टों के अनुसार तकरीबन चार साल तक खामोशी के बाद पश्चिम बंगाल के जंगलमहल इलाके में माओवादी फिर से एकजुट हो रहे हैं. राज्य में माओवाद निरोधक अभियान पर नजर रखने वाले सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, पिछले छह महीने में उनकी गतिविधियां बढी है. निजी तौर पर और छोटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2015 6:46 PM

कोलकाता : खुफिया रिपोर्टों के अनुसार तकरीबन चार साल तक खामोशी के बाद पश्चिम बंगाल के जंगलमहल इलाके में माओवादी फिर से एकजुट हो रहे हैं. राज्य में माओवाद निरोधक अभियान पर नजर रखने वाले सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, पिछले छह महीने में उनकी गतिविधियां बढी है. निजी तौर पर और छोटे समूहों दोनों में, खासकर बिनपुर, लालगढ और पुरुलिया के हिस्सों में उनकी संलिप्तता के बारे में हमारे पास विशेष रिपोर्ट आयी है.

पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ और पश्चिम बंगाल पुलिस का संयुक्त बल जंगलमहल में छापे मार रहा है. जंगलमहल में पश्चिम मिदनापुर, बांकुडा और पुरुलिया जिलों के जंगल का हिस्सा आता है.

संयुक्त बलों के साथ शुरु ‘ऑपरेशन ग्रीन हंट’ के बाद राज्य में माओवादी गतिविधियां कम हो गयी थी. अभियान में भाकपा (माओवादी) पोलित ब्यूरो सदस्य किशनजी सहित कई चरमपंथी मार गिराए गए थे. राज्य में विद्रोहियों की गतिविधियों की अगुवाई कर रहे किशनजी की 24 नवंबर 2011 को संयुक्त बलों के साथ एक मुठभेड में मौत हो गयी थी. 2008 के अंत तक माओवादी हिंसा की घटनाएं बढ़ गयी थी.

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