सिलीगुडी (प.बंगाल) : बेटी का जब यौन उत्पीड़न होता है, तो उसके पिता पर क्या गुजरती है, इसका उदाहरण पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में देखने को मिला है. जहां एक व्यक्ति ने अपनी बेटी के साथ हुए यौन उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर ली.
जिले के अंदरुनी इलाके में स्थित गांव में एक मिसकॉल एक परिवार के लिए मुसीबत बन गया. इस गांव में एक पिता ने युवकों के एक समूह द्वारा अपनी किशोर बेटी के कथित यौन उत्पीड़न की पृष्ठभूमि में आत्महत्या कर ली.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि सोमवार को एक किसान फांसी लगाकर लटका हुआ पाया गया था.इससे एक ही दिन पहले यह व्यक्ति अपनी बचाई गई बेटी को अंबारी पुलिस चौकी से लेकर आया था.लड़की नौवीं कक्षा की छात्रा है.अधिकारी ने कहा कि मुख्य आरोपी समेत दो लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि शेष दो लोगों की तलाश जारी है.
14 वर्षीय लडकी को सिलीगुडी पुलिस के एक दल ने कूचबिहार के रेड लाइट इलाके से बचाया था. मुख्य आरोपी पिंटू बर्मन और उसके तीन दोस्त उसे वहां छोड़कर आये थे.लड़कियों के बाल सुधार गृह में रह रही लड़की ने पूछताछ-कर्ताओं को बताया कि उसने अपने फोन पर एक माह पहले आई मिस्ड कॉल को जांचने के लिए नंबर मिलाया था.
उसने फोन काट दिया था लेकिन पिंटू वापस फोन करता रहा और उसने लड़की को उससे शादी करने के लिए बहला लिया.लडकी ने पिंटू से मिलने कूचबिहार जाने के लिए 14 जुलाई को अपना घर छोड़ा था.अधिकारी ने लड़की के हवाले से बताया कि जब वह घर से कूचबिहार पहुंची, तो पिंटू और उसके दो दोस्त उसे सिलीगुड़ी ले गये और उन्होंने उसे बंधक बनाकर कई दिनों तक उसका यौन उत्पीडन किया.
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद उसे कूचबिहार ले जाया गया और तीन आरोपियों एवं एक तस्कर ने उसे एक वेश्यालय में छोड़ दिया.कूचबिहार पुलिस की मदद से सिलीगुड़ी पुलिस के एक दल ने उसे अंतत: बचा लिया और रविवार को उसे घर वापस लाया गया.लेकिन अगले ही दिन सुबह लड़की के पिता घर के अंदर फंदा लगाकर लटके मिले.
अधिकारी ने कहा कि लड़की की शिकायत के आधार पर पिंटू और उसके सहयोगी अखिल दास को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया.तीसरे आरोपी विकास रॉय और तस्कर के खिलाफ खोज अभियान जारी है.
सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और उन्हें कडी सजा दिये जाने की मांग करते हुए लड़की की रिश्तेदार ने कहा, गरीब होने के बावजूद हम कानूनी मदद मंच, दार्जिलिंग इकाई की मदद से जहां तक संभव होगा जायेंगे. मंच ने आज कहा कि वे परिवार को यथासंभव मदद उपलब्ध करवायेंगे और पुलिस के साथ मिलकर उत्तरी बंगाल बेल्ट में चल रहे लड़कियों की तस्करी वाले रैकेट के खिलाफ खड़े होंगे, जो कि गरीबों और निम्न मध्यवर्गीय परिवारों की लडकियों को अपना शिकार बना रहे हैं और उनके परिवारों को तबाह कर रहे हैं.