कोलकाता: राज्य सरकार व डीवीसी के बीच चल रहे विवाद में अब राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री जावेद अहमद खान भी शामिल हो गये हैं. सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि जिनकी वजह से राज्य में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है, उनसे बातचीत करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. यहां तक कि उनको बात करने का अधिकार ही नहीं है.
डीवीसी की लापरवाही की वजह से राज्य में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई थी और इस बाढ़ की वजह से यहां करीब 86 हजार हेक्टेयर जमीन की खेती नष्ट हो गयी, यहां तक कि बाढ़ की वजह से अब तक राज्य में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. इतना कुछ करने के बाद अगर डीवीसी सफाई देने की बात कहे तो राज्य सरकार क्यों उसे स्वीकार करेगी. राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है. पानी का स्तर कम हो रहा है. अगर नये सिरे से डीवीसी द्वारा पानी छोड़ा गया तो अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जायेगी.
डीवीसी के साथ नहीं थी कोई बैठक : मंत्री
राज्य सरकार व दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बीच चल रहा वाक युद्ध ने सोमवार को एक नया मोड़ धारण कर लिया. सोमवार को डीवीसी के अधिकारी राज्य सरकार द्वारा लगाये जानेवाले आरोपों का जवाब देने के लिए नवान्न भवन पहुंचने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने डीवीसी के अधिकारियों से मिलने की कोई इच्छा नहीं जतायी, जिस कारण बैठक को ही रद्द करना पड़ा.
इस संबंध में राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने कहा कि डीवीसी के साथ राज्य सरकार की कोई बैठक ही नहीं थी. उन्होंने एक बार फिर डीवीसी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बांधों से पानी छोड़ने के पहले डीवीसी ने राज्य को कोई सूचना नहीं दी थी. वहीं, डीवीसी के अधिकारियों का कहना है कि पानी छोड़ने को लेकर राज्य सरकार ने हमेशा से ही डीवीसी को जिम्मेदार ठहराया है.
इसलिए डीवीसी के अधिकारी पूरे दस्तावेजों को साथ लेकर सिंचाई विभाग के सचिव से मिलना चाहते थे कि पानी छोड़ने से पहले कब-कब उन लोगों ने राज्य सरकार से संपर्क साधा था. लेकिन सिंचाई मंत्री ने मिलने के लिए कोई इच्छा ही प्रकट नहीं की. गौरतलब है कि 14 अक्तूबर को डीवीसी ने विभिन्न बांधों से करीब एक लाख 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा था. उसके बाद से ही पांच जिले पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली व बांकुड़ा में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी थी.