कोलकाता : अमेरिका में बसे भारतीय मूल के चिकित्सक डा. कुणाल साहा ने उनकी पत्नी के इलाज में चिकित्सीय लापरवाही के लिए 5.96 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसका भारत में चिकित्सीय देखभाल के मानदंडों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. चिकित्सीय लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई थी.
फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए साहा ने अमेरिका से ई-मेल के जरिए कहा, ‘‘इसका भारत में चिकित्सीय लापरवाही और चिकित्सीय देखभाल के मानकों पर गहरा असर पड़ेगा.’’उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी लापरवाह चिकित्सकों और बेईमान अस्पतालों को कठोर संदेश देगा जो समूचे भारत में रोजाना निदरेष मरीजों का दोहन कर रहे हैं.’’साहा ने कहा, ‘‘आज के फैसले से भारत में मानव जीवन का मूल्य बढ़ने की संभावना है.’’साहा ने चिकित्सीय लापरवाही से लड़ने के लिए पीपुल फॉर बेटर टरीटमेंट की स्थापना की है.
उच्चतम न्यायालय ने शहर के एएमआरआई अस्पताल और तीन चिकित्सकों को साहा को 5.96 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. चिकित्सीय लापरवाही के कारण साहा की पत्नी अनुराधा की 1998 में मृत्यु हो गई थी.वैसे ढाकुरिया स्थित एएमआरआई अस्पताल में नौ दिसंबर 2011 को आग लगने के बाद से उसे बंद कर दिया गया है. उस घटना में 93 लोगों की मौत हो गई थी. एएमआरआई अस्पताल के एक अधिकारी से जब संपर्क किया गया तो उसने कोई भी टिप्पणी करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उन्हें आदेश की प्रति मिलनी बाकी है.