कोलकाता: आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री उम्मीदवार का कमान नरेंद्र मोदी को सौंपे जाने के बाद से ही वामपंथी दलों द्वारा सांप्रदायिकता के विरोध में अभियान चलाया जा रहा है.
सांप्रदायिकता के खिलाफ तमाम दलों को एकत्रित करने का कार्य जारी है. ऐसे में इस मुद्दे पर बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की खामोशी पर माकपा की ओर से एक बार फिर सवाल खड़े किये गये हैं. राज्य में विधानसभा के विपक्ष के नेता व माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य डॉ सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि इस मसले पर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की ‘चुप्पी’ आश्चर्यजनक है.
वे जानना चाहते हैं कि आखिर क्या कारण हैं कि सुश्री बनर्जी नरेंद्र मोदी के मसले पर खामोश हैं? हर पार्टी के नेता मोदी के बारे में अच्छा या बुरा बता रहे हैं. लेकिन, हैरत है कि ममता चुप हैं. ध्यान रहे कि महानगर दौरे के दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री व कांग्रेस के आला नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि भाजपा के साथ तृणमूल कांग्रेस का एक गुप्त समझौता है.
इस बात का जिक्र करते हुए अन्य माकपा नेताओं का कहना है कि इतने गंभीर आरोप लगाये जाने के बाद भी अभी तक तृणमूल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आना आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि इससे पहले तो तृणमूल की ओर से कांग्रेस की हर आलोचना पर प्रतिक्रिया दी जाती थी. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वाम दल मोदी को सत्ता से बाहर रखने के लिए काम करेंगे. पार्टी का मुख्य मकसद भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को सत्ता से बाहर रखना है.