कोलकाता : जेल में बंद कैदियों को कुछ आजादी देने के प्रयास में पश्चिम बंगाल सरकार ने वर्धमान जिले के दुर्गापुर में एक खुला सुधारगृह स्थापित करने का फैसला किया है. कैदियों के लिए राज्य में यह दूसरी खुली जेल होगी.
सुधारात्मक प्रशासन विभाग के राज्य मंत्री हैदर हजीज साफवी ने बताया इस सुधार गृह में उन्हीं बंदियों को रखा जाएगा जो अपनी सजा पूरी करने के आखिरी चरण में होंगे. ये कैदी बाहर आने-जाने, अपने परिवार के लोगों से मिलने और अपनी आजीविका खुद कमाने के लिए स्वतंत्र होंगे. हैदर ने बताया कि मुर्शिदाबाद के लालबाग में स्थित पहले खुले सुधार गृह में 80 कैदियों को रखने की क्षमता है. दुर्गापुर के सुधार गृह में ऐसे 30 बंदियों को रखा जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या कैदियों के सुधार गृह से बाहर जाने पर उनके भागने की आशंका होगी, हैदर ने कहा कि ऐसा केवल एक ही उदाहरण है जब कैंसर पीड़ित एक कैदी भागा था लेकिन उसे बाद में पकड़ लिया गया था. मंत्री ने बताया कि कुछ समय बाद उस कैदी ने जेल में आत्महत्या कर ली थी.
विभिन्न जिलों की जेलों में कैदियों की बहुतायत है जिसे देखते हुए ईस्ट मिदनापुर जिले के तामलुक में और नॉर्थ 24 परगना जिले के बारासात में एक एक जिला जेल स्थापित करने की योजना है.