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न्यायमूर्ति गांगुली पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा

कोलकाता: ला इंटर्न की यौन उत्पीड़न शिकायत को उच्चतम न्यायालय की अंदरुनी जांच में प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के गांगुली पर पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ाते हुए आज एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि न्यायाधीश के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2013 8:52 PM

कोलकाता: ला इंटर्न की यौन उत्पीड़न शिकायत को उच्चतम न्यायालय की अंदरुनी जांच में प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के गांगुली पर पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ाते हुए आज एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि न्यायाधीश के लिए नैतिक आधार पर इस्तीफा देना और परिणाम का सामना करना बेहतर है.

केंद्रीय मंत्री अधीर चौधरी ने यहां कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के पैनल ने जो टिप्पणी की है वह (इंटर्न के खिलाफ न्यायाधीश का) अशोभनीय आचरण है. इस घटना की विभिन्न पहलुओं के मद्देनजर मैं समझता हूं कि नैतिक आधार न्यायमूर्ति गांगुली के लिए इस्तीफा देना और परिणाम का सामना करना बेहतर है. उम्मीद है कि वह पाक साफ होकर निकलेंगे. ’’

तीन न्यायाधीशों की उच्चतम न्यायालय की समिति ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) गांगुली को इंटर्न के प्रति उनके अशोभनीय और यौन प्रकृति के आचरण को लेकर दोषारोपित किया है.

इंटर्न ने न्यायमूर्ति गांगुली पर होटल के कमरे में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था जहां उन्होंने उसे बुलाया था. हालांकि उन्होंने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है.

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