मालदा हिंसा : ”जांच दल” को नहीं मिली कालियाचक जाने की अनुमति

भूपेंद्र यादव, एसएस अहलूवालिया और बीडी राम हिरासत में मालदा (पश्चिम बंगाल) : जिला अधिकारियों ने तीन दिसंबर को हुई हिंसा से प्रभावित कालियाचक जाने से आज भाजपा सांसदों की एक ‘तथ्य अन्वेषण टीम’ को रोक दिया. इस घटना को लेकर ममता बनर्जी सरकार और भाजपा के बीच राजनीतिक लडाई तेज हो गयी है. सांसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2016 8:01 AM

भूपेंद्र यादव, एसएस अहलूवालिया और बीडी राम हिरासत में

मालदा (पश्चिम बंगाल) : जिला अधिकारियों ने तीन दिसंबर को हुई हिंसा से प्रभावित कालियाचक जाने से आज भाजपा सांसदों की एक ‘तथ्य अन्वेषण टीम’ को रोक दिया. इस घटना को लेकर ममता बनर्जी सरकार और भाजपा के बीच राजनीतिक लडाई तेज हो गयी है. सांसद भूपेन्द्र यादव, राम विलास वेदांती और राज्य से भाजपा के सांसद एसएस अहलूवालिया सुबह करीब छह बजे मालदा शहर के स्टेशन पर गौर एक्सप्रेस से पहुंचे. वहां पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कालियाचक में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण उन्हें वापस चले जाने को कहा. यादव ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार की यह कार्रवाई निंदनीय है.’

सांसदों को हावड़ा जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से वापस जाने को बाध्य किया गया. सांसद करीब तीन घंटे तक स्टेशन के वीआईपी लाउंज में रुके जहां पर उन्होंने वरिष्ठ जिला अधिकारियों के साथ मुद्दे को लेकर बातचीत की. अहलूवालिया ने बताया, ‘यात्रा का उद्देश्य लोगों को सांत्वना देना था, उन्हें यह भरोसा दिलाना था कि भविष्य में ऐसा फिर नहीं होगा. राज्य सरकार के दबाव के कारण जिला प्रशासन ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण हम वहां नहीं जा सकते.’

उन्होंने बताया, ‘हम वहां पर किसी को उकसाने या भडकाने के लिए नहीं जा रहे. हम कानून का पालन करने वाले नागरिक और वरिष्ठ सांसद हैं लेकिन अधिकारियों ने बताया कि हम सार्वजनिक हस्ती हैं और हमारी उपस्थिति समस्याएं खड़ी कर सकती है. जो सामान्य स्थिति उन्होंने बहाल की है वह मुश्किल में पड़ जाएगी.’ तीनों नेताओं ने बताया कि वे यहां पर कालियाचक में उन परिस्थितियों को जानने के लिए आये थे जिसके कारण वहां हिंसा हुई. हालांकि, घटना के बाद से इस इलाके में भाजपा नेता नहीं जा पाये हैं.

छह जनवरी को पश्चिम बंगाल से एकमात्र भाजपा विधायक शामिक भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर कालियाचक जाने की अनुमति नहीं दी गयी थी. भाजपा के एक नेता की एक कथित टिप्पणी को लेकर तीन दिसंबर को कालियाचक में हिंसा भड़क उठी थी. प्रदर्शनकारियों ने एक थाने में आग लगा दी थी और वाहनों को नुकसान पहुंचाया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि इलाके में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है और इस घटना को उन्होंने बीएसएफ और स्थानीय लोगों के बीच एक मुद्दे का नतीजा बताया था.

इस घटना के बाद कालियाचक थाना से कई पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अधिकारियों के समक्ष सांप्रदायिक तनाव और पुलिस की भूमिका का मुद्दा उठाया था, अहलूवालिया ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि जांच अभी चल रही है. उन्होंने बताया, ‘हम अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को देंगे.’ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कालियाचक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का आरोप लगाते हुये भाजपा ने कहा कि प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. माकपा ने भी राज्य सरकार पर हमला करते हुये कहा है, ‘कालियाचक घटना यह दिखाती है कि यह सरकार सांप्रदायिक घटनाओं पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह से नाकाम रही है.’

क्‍या है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को जिले के कालियाचक थाना क्षेत्र में एक मजहबी संगठन से जुड़े लोगों ने उत्तेजित होकर कालियाचक थाने पर हमला बोल दिया था. थाने में उपस्थित पुलिसकर्मियों से मारपीट करने के साथ ही भीड़ ने रास्ते के किनारे खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. थाने को भी फूंक दिया गया. जानकारी के मुताबिक, 25-30 चारपहिया गाड़ियों में आग लगा दी गयी थी. बड़ी संख्या में साइकिलें और मोटर साइकिलें भी जलायी गयीं.

पुलिसवालों पर गिरी गाज

कालियाचक थाने को आग के हवाले कर दिये जाने के मामले को लेकर थाना प्रभारी को छोड़कर अन्य सभी पुलिसकर्मियों का तबादला जिले के विभिन्न थानों में कर दिया गया है. कालियाचक थाना प्रभारी शुभब्रत घोष के तबादले की भी संभावना है़ पुलिस विभाग की ओर से राज्य सचिवालय नवान्न में इस संबंध में एक रिपोर्ट भेजी गयी है. इस तबादले को लेकर पुलिस वाले मुंह नहीं खेल रहे हैं. कालियाचक थाने में थाना प्रभारी सहित कुल 12 पुलिस कर्मचारी थे़ इनमें से तीन सब इंसपेक्टर एवं चार एएसआइ का तबादला कर दिया गया है़ अन्य बचे पुलिसकर्मियों के भी तबादले का निर्देश जारी कर दिया गया है़ कालियाचक थाने के साधन भौमिक(एसआइ), प्रदीप सरकार(एसआइ) एवं शंकर सरकार(एसआइ) का तबादला गाजल, हबीबपुर एवं ओल्ड मालदा थाने में कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त चार एएसआइ में से दो प्राणेश सरकार व देवदुलाल सरकार को वैष्णव नगर थाना, रामचंद्र साहा को गाजल व अभिजीत घोष को चांचल थाने में भेज दिया गया है.

चार लाख के जाली नोट के साथ पकड़ा गया व्‍यक्ति

पुलिस व डीआरआई के संयुक्त अभियान में पुलिस हत्थे चढ‍़ा सुरेश साह चार लाख का जाली नोट लेकर मालदा से चला था. सुरेश बेतिया के शनिचरी का रहनेवाला है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मालदा से किशनगंज, मोतिहारी होकर बेतिया जाने की भनक डीआरआई व मोतिहारी पुलिस को लग गयी थी. जहां सदर डीएसपी पंकज रावत ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष किशोरी चौधरी, छतौनी के अभिषेक कुमार व नगर के धर्मजीत महतो के साथ सेमरा- छपवा से पीछा किया जो मझौलिया में पुलिस के हत्थे चढ गया. श्री रावत ने बताया कि उक्त राशि बेतिया में किसी को सौंपनी थी. गिरफ्तारी के बाद धंधेबाज को पुलिस मझौलिया पुलिस के हवाले कर दिया गया जिससे वहां कि पुलिस पूछ ताछ कर रही है.

10 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

कालियाचक थाने में आग लगाने की घटना में लिप्त रहने के आरोप में पुलिस ने अबतक दस लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों के नाम मतिउर मोमिन(30),जब्दुल शेख (30), सिन्नात शेख (28), गफ्फार शेख(40), एकेलेसुर रहमान(41) बेनामिल शेख (29), लालू मोमिन(40), मुहम्मद आसादुल हक (31), फारुख शेख(43) एवं रासिदुल हक(29) है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये इन दस लोंगो के विरूद्ध पहले से ही गिरफ्तारी वारंट जारी था. गिरफ्तार किये गये आरोपी कालियाचक थाना अंतर्गत सुल्तानगंज सहित आस-पास के निवासी हैं.

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