शिलादित्य मामला: सरकार मुआवजा देगी या नहीं ?

कोलकाता: राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को शिलादित्य चौधरी को मुआवजे के रूप में दो लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अब तक उसे मुआवजा नहीं मिला है. मुआवजा नहीं मिलने पर शिलादित्य ने तीन दिसंबर को कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए गुरुवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2013 9:07 AM

कोलकाता: राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को शिलादित्य चौधरी को मुआवजे के रूप में दो लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अब तक उसे मुआवजा नहीं मिला है. मुआवजा नहीं मिलने पर शिलादित्य ने तीन दिसंबर को कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने इस मामले में राज्य सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.

न्यायाधीश ने कहा कि सरकार शिलादित्य को मुआवजा देगी या नहीं, यह स्पष्ट करे. अगर नहीं चाहती है, तो उसका भी कारण बताये. हाइकोर्ट ने सोमवार तक सरकार को हलफनामा जमा कर जवाब देने को कहा है.

क्या है मामला : विगत आठ अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेलपहाड़ी में एक सभा को संबोधित कर रही थीं. उसी समय शिलादित्य ने मुख्यमंत्री से एक प्रश्न पूछा था. इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से ही उसे माओवादी कह दिया था. इसके बाद पुलिस ने शिलादित्य को गिरफ्तार कर जांच भी शुरू की थी, लेकिन पुलिस को उसके माओवादी होने का कोई सबूत नहीं मिला.

इसके बाद भाजपा ने शिलादित्य को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठायी. इस संबंध में राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष याचिका दायर की. आयोग ने शिलादित्य मामले की पूरी जांच कर पाया कि इसमें राज्य सरकार ही दोषी है. इसके बाद आयोग ने सरकार पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया. यह राशि शिलादित्य को देने का निर्देश दिया. लेकिन आयोग द्वारा निर्देश मिलने के बाद भी सरकार ने अब तक कोई राशि नहीं दी है. शिलादित्य ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुनवाई सोमवार को होगी.

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