विश्वविद्यालय में सभी को है वाक स्वतंत्रता : यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति

गृह मंत्रालय ने मांगी है रिपोर्ट ।। अजय विद्यार्थी ।। कोलकाता : यादवपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के परिपेक्ष्य में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार की रात को यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में जेएनयू के गिरफ्तार छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार के समर्थन में राष्ट्रविरोधी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2016 1:33 PM

गृह मंत्रालय ने मांगी है रिपोर्ट

।। अजय विद्यार्थी ।।

कोलकाता : यादवपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के परिपेक्ष्य में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार की रात को यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में जेएनयू के गिरफ्तार छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार के समर्थन में राष्ट्रविरोधी नारे लगाये गये. रैली में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन और राष्ट्र विरोधी नारे भी लगाये गये थे. छात्रों ने अफजल बोले आजादी, गिलानी बोले आजादी व छीन के लेंगे आजादी जैसे नारे लगाये थे. कोलकाता पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. नौ फरवरी को जवाहर लाल नेहरु विश्‍वविद्यालय में भी देश विरोधी नारे लगाये गये थे. इस मामले में पुलिस ने छात्र संघ के अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया है जिसकी आज कोर्ट में पेशी हो रही है. विभिन्‍न संगठन के लोग कन्‍हैया को निर्दोष बता रहे हैं, जबकि दिल्ली के पुलिस कमिश्‍नर बीएस बस्सी ने कहा है कि पुनिस के पास कन्हैया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.

यादवपुर के कुलपति ने कहा विश्वविद्यालय भारत विरोधी तत्वों का समर्थक नहीं

यादवपुर विश्वविद्यालय में जेएनयू के समर्थन में निकाले गये जुलूस में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरंजन दास ने बुधवार को मुंह खोला है. बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री दास ने साफ कर दिया कि अभी तक राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है और न ही राज्य सरकार ने कोई रिपोर्ट तलब किया है. उन्होंने कहा कि वह किसी तरह से राष्ट्रविरोधी नारेबाजी का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन उनका मानना है कि विश्वविद्यालय एक डिबेट की जगह है.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का गेट बंद कर इसे नहीं चलाया जा सकता है. यहां डॉयलॉग होता है. नये विचार आते हैं. बातचीत और आलोचना की स्वतंत्रता रहती है. उन्होंने कहा कि मंगलवार की रात को जो जुलूस निकाला गया था. वह विश्वविद्यालय के साथ-साथ विश्वविद्यालय के बाहर भी गया था. विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने साफ कर दिया है कि उन लोगों ने जुलूस नहीं निकाला है और न ही इस तरह के नारेबाजी का समर्थन करते हैं. कुछ अलग-थलग लोगों ने इस तरह से नारेबाजी की है. यदि उन्हें शिकायत मिलती है कि किसी छात्र ने इस तरह के नारेबाजी की है, तो वह उन्हें बुला कर बातचीत करेंगे.

बातचीत से समस्या का समाधान किया जा सकता है. यदि कोई गलती की है, तो गलती सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए. विश्वविद्यालय पुलिस के बल पर नहीं चलाया जा सकता है. यह पूछे जाने पर क्या वह राष्ट्र के खिलाफ नारेबाजी करने वालों को क्लीट चिट दे रहे हैं. श्री दास ने कहा कि यहां क्लीनचिट देने की बात नहीं है. वह राष्ट्रविरोधी नारेबाजी का समर्थन नहीं करते हैं. इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है.

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