कुछ से खुश, तो कुछ से खफा सीएम
कोलकाता: लोकसभा चुनाव के पहले राज्य के विकास कार्यो की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टाउन हॉल में राज्य के सभी विभागों के मंत्रियों व सचिवों के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री राज्य के कुछ विभागों के कार्यो की सराहना की तो कुछ विभागों के कार्यो की आलोचना करते […]
कोलकाता: लोकसभा चुनाव के पहले राज्य के विकास कार्यो की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टाउन हॉल में राज्य के सभी विभागों के मंत्रियों व सचिवों के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री राज्य के कुछ विभागों के कार्यो की सराहना की तो कुछ विभागों के कार्यो की आलोचना करते हुए और बेहतर कार्य करने का निर्देश दिया. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के पंचायत विभाग, नागरिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, उत्तर बंगाल विकास विभाग व खाद्य आपूर्ति विभाग के कार्यो के प्रति संतुष्टि व्यक्त की. वहीं राज्य के शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग को योजनाओं पर ध्यान देने का निर्देश दिया.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को उनके विभाग की योजनाओं को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने का निर्देश दिया और जिन योजनाओं पर अब तक कार्य शुरू नहीं हुआ है, उन पर लोकसभा चुनाव के पहले कार्य शुरू करने को कहा है.
बैठक के बाद संवाददाताओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक मंदी से गुजर रही है. दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज तृणमूल सरकार को विरासत में मिला है. इसके बावजूद राज्य सरकार विकास मूलक योजनाओं पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. इस वित्त वर्ष को पूरा होने में अभी तीन माह है. इन तीन महीनों में राज्य सरकार कई अन्य योजनाओं की घोषणा करेगी. हमने जो कैबिनेट मंत्रियों व सचिवों के साथ आंकलन बैठक की.
इस प्रकार की बैठक केवल बंगाल में होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों की योजनाओं को सही समय पर खत्म करने के लिए राज्य सरकार की ओर से दो जनवरी 2014 को प्रशासनिक कैलेंडर लांच किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों व सचिवों को सचेत करते हुए कहा कि सभी योजनाएं, चाहे वह केंद्र की हो या राज्य की, उनको निश्चित समय पर पूरा करना ही होगा और परियोजना पर चल रहे कार्य की जानकारी प्रत्येक महीने वेबसाइट पर देनी होगी. सरकारी विभागों के साथ ही जिलों में भी प्रशासनिक कैलेंडर का लांच किया जायेगा, ताकि वहां की योजनाओं को भी समय पर पूरा किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक मंदी से गुजर रही है, इसलिए वह नहीं चाहती कि किसी भी योजना में विलंब की वजह से केंद्र सरकार व अन्य संस्थाओं द्वारा दिया जानेवाला फंड वापस हो जाये, इसलिए सबको आपस में समन्वय बनाते हुए कार्य करना ही होगा.