तृणमूल-भाजपा में गुप्त समझौता
बुद्धदेव ने तृणमूल कांग्रेस की नीति पर उठाये सवाल हुगली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आज आरोप लगाया कि अगले साल यानी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस ने गुपचुप तरीके से भाजपा के साथ गठजोड़ किया है. उन्होंने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस […]
बुद्धदेव ने तृणमूल कांग्रेस की नीति पर उठाये सवाल
हुगली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आज आरोप लगाया कि अगले साल यानी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस ने गुपचुप तरीके से भाजपा के साथ गठजोड़ किया है. उन्होंने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस ने भगवा पार्टी के साथ हाथ मिला लिया है और अगले लोकसभा चुनावों की तैयारी में लगी है.
रविवार को हुगली जिले के चुंचुड़ा में वाममोरचा की जनसभा को पूर्व मुख्यमंत्री संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर आला वामपंथी नेता नरेन दे, सुदर्शन राय चौधरी, रूपचांद पाल, सुभाष नस्कर समेत अन्य नेतागण व कार्यकर्ता मौजूद रहे.
तृणमूल को ढाल बना कर मोदी की नजर बंगाल के वोट बैंक पर
आला वामपंथी नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस को ढाल बनाकर भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की नजर बंगाल के वोट बैंक पर है. तमाम वामपंथी संगठनों के सामने सांप्रदायिकता के खिलाफ काफी बड़ी लड़ाई है. वामपंथी संगठन भाजपा को इस बात की इजाजत कतई नहीं देंगे कि वे तृणमूल कांग्रेस का हाथ थामकर बंगाल में अपना आधार बनाये. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तृणमूल तटस्थ यानी न्यूट्रल भूमिका अदा कर रही है.
ध्यान रहे कि केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली राजग की सत्ता थी तब उसे तृणमूल का भी समर्थन मिला था. संप्रग सरकार के गठन में भी तृणमूल कांग्रेस ने मदद की. यानी तृणमूल की नीति पर कई सवाल भी खड़े होते हैं. इन्हीं नीतियों की वजह से ढाई वर्षो में राज्य विकास से पिछड़ा हुआ है. यदि ऐसा नहीं होता तो सिंगुर बदहाल अवस्था में न होता.
सीबीआइ जांच हो
सारधा चिटफंड घोटाले को लेकर माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार को कटघरे में लिया है. सारधा कांड के शिकार लाखों लोग बने हैं. आखिर क्या कारण है कि तृणमूल सारधा कांड के आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की पहल नहीं कर रही है? आम लोगों को फुसलाने के लिए 500 करोड़ रुपये मुआवजा देने की बात कही गयी लेकिन मुआवजे की राशि आम लोगों से ही जुटायी जा रही है.
सारधा कांड की जांच सीबीआइ से कराये जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन के जेल में होने के बावजूद लोगों को अब तक कंपनी की संपत्तियों का हिसाब-किताब नहीं मिल पाया है.