कोलकाता : एशिया के सबसे बड़े रेड-लाइट इलाके सोनागाछी में काम कर चुकीं और अब वेश्यावृत्ति के पेशे को छोड़ चुकीं सेक्स वर्करों को जल्द ही नए घर में पुनर्वासित किया जाएगा जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. वृद्धावस्था और इस कारण ग्राहक नहीं मिलने के कारण इन्हें गरीबी का जीवन जीना पड़ रहा है. निशक्तों, रोगियों और कोलकाता में रह रही वृद्ध सेक्स वर्करों के पुनर्वास की पश्चिम बंगाल सरकार की योजना के तहत इनके लिए दो इमरतों में पुनर्वास केंद्र बनाए जाएंगे जहां भोजन, कपड़े, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल सहित सभी सुविधाएं होंगी.
महिला एवं समाज कल्याण विभाग की संसदीय सचिव शशि पांजा ने कहा, ‘‘यह विचार उन्हें घर देने के लिए है, ताकि वे अपना शेष जीवन गरिमा और आराम से गुजार सकें.’’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिशा निर्देशों पर उन्होंने सोनागाची में सर्वेक्षण किया और इस तरह की करीब 750 सेक्स वर्करों को पाया. स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं तक पहुंच न होने के कारण सेक्स वर्करों में एचआईवी संक्रमण की उच्च दर है.
शशि पांजा ने कहा, ‘‘उनमें से अधिकतर बीमार हैं और उनके पास आय का कोई साधन नहीं बचा. इनमें से कुछ भीख मांगने को मजबूर हैं. उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. इस कार्यक्रम के तहत हम उन्हें नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं, स्वास्थ्य कार्ड और मुफ्त अथवा रियायती दरों पर राशन मुहैया कराएंगे.’’ राज्य मंत्रिमंडल इस तरह की करीब 200 सेक्स वर्करों के लिए पुनर्वास केंद्र बनाए जाने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुका है. परियोजना राज्य के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जाएगी.