न्यायमूर्ति गांगुली ने पूरी न्यायपालिका का अपमान किया, इस्तीफा दें

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने आज कहा कि लॉ इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों से घिरे उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अशोक गांगुली ने पूरी न्यायपालिका का अपमान किया है और उन्हें अबतक इस्तीफा दे देना चाहिए था. मित्रा ने कहा, न्यायमूर्ति गांगुली ने पूरी न्यायपालिका का अपमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2013 4:47 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने आज कहा कि लॉ इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों से घिरे उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अशोक गांगुली ने पूरी न्यायपालिका का अपमान किया है और उन्हें अबतक इस्तीफा दे देना चाहिए था.

मित्रा ने कहा, न्यायमूर्ति गांगुली ने पूरी न्यायपालिका का अपमान किया है. किसी ने उनकी तरह न्यायपालिका को अपमानित नहीं किया. पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज (डब्ल्यूबीएनयूजेएस) ने कहा कि उसने अपने मानद प्रोफेसर न्यायूर्ति ए के गांगुली से अपने आप को अलग कर लिया है जिन पर लॉ की छात्रा का यौन उत्पीड़न करने का है. इसी लॉ छात्रा ने उनके साथ इंटर्न के रुप में काम किया था.

मित्रा ने कहा, उन्हें काफी पहले ही अपने आप को अलग कर लेना चाहिए था. ऐसे में वह विश्वविद्यालय में क्या पढायेंगे. लॉ इटर्न यौन उत्पीड़न मामले की उच्चतम न्यायालय के तीन सदस्यीय पैनल द्वारा जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये न्यायमूर्ति गांगुली से पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है.

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