पुरुष अधिकारों की रक्षा के लिए अलग मंत्रालय, आयोग बनाने की मांग

कोलकाता : पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के एक फोरम ने मांग की है कि लोकसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को दहेज कानून के दुरुपयोग और यौन प्रताड़ना के ‘‘झूठे’’ मामले दर्ज कराए जाने के मद्देनजर पुरुष अधिकारों की रक्षा के लिए अलग से एक मंत्रालय और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2014 12:50 PM

कोलकाता : पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के एक फोरम ने मांग की है कि लोकसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को दहेज कानून के दुरुपयोग और यौन प्रताड़ना के ‘‘झूठे’’ मामले दर्ज कराए जाने के मद्देनजर पुरुष अधिकारों की रक्षा के लिए अलग से एक मंत्रालय और राष्ट्रीय आयोग बनाना चाहिए.

नेशनल कोएलिशन फॉर मेन :एनसीएम: ने 10 सूत्री मांगों वाला एक चार्टर जारी कर मांग की है कि राजनीतिक दलों को लोकसभा चुनावों के लिए इन पर विचार करना चाहिए. एनसीएम पुरुष अधिकारों के लिए लड़ रहे करीब 50 संगठनों का मंच है. एनसीएम ने कहा कि वे ‘‘निदरेष विवाहित और अविवाहित पुरुषों’’ के ‘‘लैंगिक पक्षपात’’ वाले कानूनों का शिकार होने की बढ़ती दर के मुद्दे को उठाना चाहते हैं.

संगठन के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने बताया कि संगठन द्वारा जारी ‘मेन-आई-फेस्टो’ में पुरुषों के लिए मंत्रालय और आयोग बनाए जाने की मांग के साथ ही ‘लैंगिक पक्षपात वाले कानूनों’ को लैंगिक रुप से तटस्थ बनाए जाने, विवाहित पुरुषों द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं की जांच के लिए कार्यबल के गठन और परेशानी में पड़े पुरुषों के लिए एक हेल्पलाइन शुरु करने की भी मांग की गई है.

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